न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला
Updated Thu, 06 Dec 2018 12:12 PM IST
प्रदेश विश्वविद्यालय पीजी सेंटर और विवि से संबद्ध कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2019 से मास्टर इन पब्लिक हेल्थ दो वर्षीय पीजी डिग्री कोर्स शुरू करेगा। विवि यूजीसी के सचिव के आदेशों के बाद कोर्स शुरू किया जाएगा। विवि के कुलसचिव के संबद्ध संस्थानों और कॉलेजों को जारी आदेशों में यह साफ किया गया है।
यूजीसी की अधिसूचना यूजीसी की वेबसाइट से डाउनलोड की जा सकती है। कुलसचिव ने प्राचार्यों से कहा है कि वे समय रहते मास्टर इन पब्लिक हेल्थ (एमपीएच) कोर्स के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी कर लें। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने करिकुलम तैयार किया है। यह दो साल का होगा।
रेगुलर मोड में शुरू होने वाले कोर्स में इंटर्नशिप और डेजेरटेशन भी करिकुलम का हिस्सा रहेगा। अधिसूचना में साफ किया है कि कोर्स असाइनमेंट और एनलालिटिकल होगा। इसमें छात्र की कार्यकुशलता परखी जाएगी।
इसमें छात्र के जमीनी स्तर से स्वास्थ्य से संबंधित आंकड़े जुटाने के साथ केंद्र सरकार की सेवाओं को निचले स्तर पर लागू करने और उसका लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रबंधन और प्लानिंग के साथ वित्तीय प्रबंधन का प्रशिक्षण भी शामिल होगा।
कोर्स शुरू करने का उद्देश्य है कि स्वास्थ्य सेवाओं के कार्यक्रमों और सुविधाओं को जमीनी स्तर पर पहुंचाने और उसका कार्यान्वयन करने के लिए प्रशिक्षित युवा मिल सकें। युवाओं को भी इन कार्यक्रमों में रोजगार मिल सकेगा।
प्रदेश विश्वविद्यालय पीजी सेंटर और विवि से संबद्ध कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2019 से मास्टर इन पब्लिक हेल्थ दो वर्षीय पीजी डिग्री कोर्स शुरू करेगा। विवि यूजीसी के सचिव के आदेशों के बाद कोर्स शुरू किया जाएगा। विवि के कुलसचिव के संबद्ध संस्थानों और कॉलेजों को जारी आदेशों में यह साफ किया गया है।
यूजीसी की अधिसूचना यूजीसी की वेबसाइट से डाउनलोड की जा सकती है। कुलसचिव ने प्राचार्यों से कहा है कि वे समय रहते मास्टर इन पब्लिक हेल्थ (एमपीएच) कोर्स के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी कर लें। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने करिकुलम तैयार किया है। यह दो साल का होगा।
रेगुलर मोड में शुरू होने वाले कोर्स में इंटर्नशिप और डेजेरटेशन भी करिकुलम का हिस्सा रहेगा। अधिसूचना में साफ किया है कि कोर्स असाइनमेंट और एनलालिटिकल होगा। इसमें छात्र की कार्यकुशलता परखी जाएगी।
इसमें छात्र के जमीनी स्तर से स्वास्थ्य से संबंधित आंकड़े जुटाने के साथ केंद्र सरकार की सेवाओं को निचले स्तर पर लागू करने और उसका लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रबंधन और प्लानिंग के साथ वित्तीय प्रबंधन का प्रशिक्षण भी शामिल होगा।
कोर्स शुरू करने का उद्देश्य है कि स्वास्थ्य सेवाओं के कार्यक्रमों और सुविधाओं को जमीनी स्तर पर पहुंचाने और उसका कार्यान्वयन करने के लिए प्रशिक्षित युवा मिल सकें। युवाओं को भी इन कार्यक्रमों में रोजगार मिल सकेगा।