भविष्य की चुनौतियों से चिंतित प्रदेश के मेधावियों ने मुख्यमंत्री से स्कूलों में जल्द नियमित कक्षाएं शुरू करने की मांग की है। इस पर सीएम ने विचार करने का आश्वासन दिया। बुधवार को 11 जिलों के एक-एक विद्यार्थी ने मुख्यमंत्री के साथ संवाद किया। विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई भी दी। किन्नौर में भारी बर्फबारी के चलते वहां से कोई भी विद्यार्थी संवाद में शामिल नहीं हो सका।
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से उनके लक्ष्य जाने और अपने जमाने की बातें सुनाकर विद्यार्थियों हंसाया भी। जयराम ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के चलते शिक्षक विद्यार्थियों पर सीधी नजर नहीं रख पा रहे हैं। हमारे समय में तो कक्षाओं में विद्यार्थियों को मुर्गा बनाया जाता था। मुख्यमंत्री के साथ कई विद्यार्थियों ने डॉक्टर बनने का सपना साझा किया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लगता है कि जल्द प्रदेश में डॉक्टरों की कमी नहीं रहेगी।
शिमला से वीडियो कॉन्फ्रेंस से मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से बनी इस परिस्थिति को लेकर कोई भी तैयार नहीं था। प्रदेश की आर्थिकी को नुकसान हुआ है। शहरी और विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर, सांसद सुरेश कश्यप, शिक्षा सचिव राजीव शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा मौजूद रहे।
परीक्षाओं से दो माह पहले खुले स्कूल : भावना
मुख्यमंत्री ने संवाद की शुरुआत बिलासपुर जिले से की। कुठेड़ा स्कूल की भावना धीमान ने मुख्यमंत्री को कहा कि वार्षिक परीक्षाएं होने से दो माह पहले स्कूलों को नियमित तौर पर खोला जाना चाहिए। इससे विद्यार्थियों को अपनी शंकाएं दूर करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सुझाव अच्छा है, इस पर विचार किया जाएगा।
शिक्षकों की कमी से पिछड़ रहे सरकारी स्कूल : करुण
चंबा के छात्र करुण कुमार ने कहा कि शिक्षकों की कमी के चलते सरकारी स्कूल निजी स्कूलों के मुकाबले पिछड़ रहे हैं। होली में शिक्षकों के कई पद रिक्त हैं। विद्यार्थी सरकारी स्कूलों की जगह निजी स्कूलों में दाखिले लेते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में यह समस्या है। शिक्षकों के रिक्त पद भरने को सरकार प्रयासरत है।
हर सप्ताह होना चाहिए डाउट क्लीयर सेशन : नेहा
हमीरपुर की जमा दो कक्षा की मेडिकल संकाय की छात्रा नेहा भारद्वाज ने सप्ताह में एक दिन डाउट क्लीयर सेशन शुरू करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सुझाव पर जल्द अमल किया जाएगा। नेहा कार्डिओलॉजिस्ट बनना चाहती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दोनों बेटियां भी डॉक्टर हैं। इससे लिए खूब पढ़ाई की जरूरत है।
बच्चों के कुछ ग्रुपों को स्कूलों में बुलाकर हो पढ़ाई : सौरभ
कांगड़ा जिले के सौरभ ने स्कूलों में बच्चों के कुछ ग्रुपों को बुलाकर पढ़ाई शुरू करने के लिए प्रिंसिपलों को अधिकार देने की मांग की। ऑनलाइन पढ़ाई अच्छा प्रयास है, लेकिन ऑफलाइन पढ़ाई का इससे मुकाबला नहीं है। ऑनलाइन पढ़ाई से इंटरेक्टिव नहीं हो पा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सुझाव पर विचार किया जाएगा।
स्कूलों में पूरा सिलेबस नहीं पढ़ाने से होगी समस्या : सान्या
कुल्लू के आनी से छात्रा सान्या ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई से कंसेप्ट क्लीयर नहीं हो रहे हैं। परीक्षाओं में तीस फीसदी कम सिलेबस शामिल करने से भविष्य में समस्या आएगी। स्कूलों में भी पूरा सिलेबस नहीं पढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा में कम सिलेबस से सवाल आएंगे, लेकिन पढ़ाई पूरी करवाई जाएगी।
असेसमेंट की जगह परीक्षाओं से हो आकलन : ज्योति
मंडी की जमा एक कक्षा की छात्रा ज्योति ठाकुर ने कहा कि असेसमेंट की जगह परीक्षाओं के आधार पर पढ़ाई का आकलन करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल-मई में वार्षिक परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। परीक्षाएं ऑफलाइन ली जाएंगी। ज्योति गायनाकोलॉजिस्ट बनना चाहती हैं। मुख्यमंत्री ने डॉक्टर बनने के लिए खूब पढ़ाई की अपील की।
स्कूलों में नियमित कक्षाओं को कर रही हूं मिस : भूमिका
शिमला के लक्कड़ बाजार स्कूल की छात्रा भूमिका इंजीनियर बनना चाहती हैं। भूमिका ने कहा कि स्कूलों में होने वाली नियमित पढ़ाई को बहुत मिस कर रही हैं। ऑफलाइन पढ़ाई ज्यादा ठीक थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के चलते स्कूलों को बंद करना पड़ा है। हालात सामान्य होते ही स्कूलों को खोल दिया जाएगा।
मोबाइल, कनेक्टिविटी न होने से छूटा सिलेबस : युक्ता
सोलन की छात्रा युक्ता ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई से कई समस्याएं आ रही हैं। पहले फोन और कनेक्टिविटी न होने से काफी सिलेबस छूट गया है। उन्होंने कहा कि सब्जी तो मिल गई है, लेकिन बर्तन नहीं है जैसी स्थिति खड़ी हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो सिलेबस छूट गया है, उसका रिवीजन करवाया जाएगा।
सीए बनकर करना है हिमाचल का नाम रोशन : वनीता
सिरमौर की बारहवीं कक्षा की छात्रा वनीता सीए बनना चाहती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस व्यवसाय में खूब पैसा है। इसके लिए गणित का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। मेरा गणित कमजोर था। मुख्यमंत्री ने कि बेटियां अब हर क्षेत्र में देश-प्रदेश नाम रोशन कर रही हैं। वनीता ने मुख्यमंत्री से परीक्षाओं से दो माह पहले स्कूल खोलने की मांग की।
सरकार जल्द शुरू करे साप्ताहिक यूनिट टेस्ट : अंकिता
ऊना की अंकिता ने कहा कि वार्षिक परीक्षाएं ऑफलाइन होनी चाहिए। इससे फेयर एग्जाम होंगे। उन्होंने साप्ताहिक यूनिट टेस्ट भी शुरू करने की मांग की। अंकिता भी कार्डिओलॉजिस्ट बनना चाहती हैं। अंकिता ने ऑनलाइन पढ़ाई और ई संवाद की पहल को भी सराहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिट टेस्ट लेने का सुझाव अच्छा है।
बिजली चले जाने से प्रभावित होती रहती है पढ़ाई : अंजली
लाहौल-स्पीति के केलांग स्कूल की छात्रा अंजली सिंह ने कहा कि स्कूलों को जल्द खोलना चाहिए। क्षेत्र में भारी बर्फबारी के चलते बिजली चले जाने पर पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुचारु सप्लाई सुनिश्चित होगी। सीएम ने पूछा केलांग में कितनी बर्फ गिरी है। छात्रा ने बताया कि अभी भी क्षेत्र में दो फीट बर्फ गिरी हुई है।
भविष्य की चुनौतियों से चिंतित प्रदेश के मेधावियों ने मुख्यमंत्री से स्कूलों में जल्द नियमित कक्षाएं शुरू करने की मांग की है। इस पर सीएम ने विचार करने का आश्वासन दिया। बुधवार को 11 जिलों के एक-एक विद्यार्थी ने मुख्यमंत्री के साथ संवाद किया। विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई भी दी। किन्नौर में भारी बर्फबारी के चलते वहां से कोई भी विद्यार्थी संवाद में शामिल नहीं हो सका।
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से उनके लक्ष्य जाने और अपने जमाने की बातें सुनाकर विद्यार्थियों हंसाया भी। जयराम ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के चलते शिक्षक विद्यार्थियों पर सीधी नजर नहीं रख पा रहे हैं। हमारे समय में तो कक्षाओं में विद्यार्थियों को मुर्गा बनाया जाता था। मुख्यमंत्री के साथ कई विद्यार्थियों ने डॉक्टर बनने का सपना साझा किया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लगता है कि जल्द प्रदेश में डॉक्टरों की कमी नहीं रहेगी।
शिमला से वीडियो कॉन्फ्रेंस से मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से बनी इस परिस्थिति को लेकर कोई भी तैयार नहीं था। प्रदेश की आर्थिकी को नुकसान हुआ है। शहरी और विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर, सांसद सुरेश कश्यप, शिक्षा सचिव राजीव शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा मौजूद रहे।
परीक्षाओं से दो माह पहले खुले स्कूल : भावना
मुख्यमंत्री ने संवाद की शुरुआत बिलासपुर जिले से की। कुठेड़ा स्कूल की भावना धीमान ने मुख्यमंत्री को कहा कि वार्षिक परीक्षाएं होने से दो माह पहले स्कूलों को नियमित तौर पर खोला जाना चाहिए। इससे विद्यार्थियों को अपनी शंकाएं दूर करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सुझाव अच्छा है, इस पर विचार किया जाएगा।
शिक्षकों की कमी से पिछड़ रहे सरकारी स्कूल : करुण
चंबा के छात्र करुण कुमार ने कहा कि शिक्षकों की कमी के चलते सरकारी स्कूल निजी स्कूलों के मुकाबले पिछड़ रहे हैं। होली में शिक्षकों के कई पद रिक्त हैं। विद्यार्थी सरकारी स्कूलों की जगह निजी स्कूलों में दाखिले लेते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में यह समस्या है। शिक्षकों के रिक्त पद भरने को सरकार प्रयासरत है।
हर सप्ताह होना चाहिए डाउट क्लीयर सेशन : नेहा
हमीरपुर की जमा दो कक्षा की मेडिकल संकाय की छात्रा नेहा भारद्वाज ने सप्ताह में एक दिन डाउट क्लीयर सेशन शुरू करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सुझाव पर जल्द अमल किया जाएगा। नेहा कार्डिओलॉजिस्ट बनना चाहती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दोनों बेटियां भी डॉक्टर हैं। इससे लिए खूब पढ़ाई की जरूरत है।
बच्चों के कुछ ग्रुपों को स्कूलों में बुलाकर हो पढ़ाई : सौरभ
कांगड़ा जिले के सौरभ ने स्कूलों में बच्चों के कुछ ग्रुपों को बुलाकर पढ़ाई शुरू करने के लिए प्रिंसिपलों को अधिकार देने की मांग की। ऑनलाइन पढ़ाई अच्छा प्रयास है, लेकिन ऑफलाइन पढ़ाई का इससे मुकाबला नहीं है। ऑनलाइन पढ़ाई से इंटरेक्टिव नहीं हो पा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सुझाव पर विचार किया जाएगा।
स्कूलों में पूरा सिलेबस नहीं पढ़ाने से होगी समस्या : सान्या
कुल्लू के आनी से छात्रा सान्या ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई से कंसेप्ट क्लीयर नहीं हो रहे हैं। परीक्षाओं में तीस फीसदी कम सिलेबस शामिल करने से भविष्य में समस्या आएगी। स्कूलों में भी पूरा सिलेबस नहीं पढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा में कम सिलेबस से सवाल आएंगे, लेकिन पढ़ाई पूरी करवाई जाएगी।
असेसमेंट की जगह परीक्षाओं से हो आकलन : ज्योति
मंडी की जमा एक कक्षा की छात्रा ज्योति ठाकुर ने कहा कि असेसमेंट की जगह परीक्षाओं के आधार पर पढ़ाई का आकलन करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल-मई में वार्षिक परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। परीक्षाएं ऑफलाइन ली जाएंगी। ज्योति गायनाकोलॉजिस्ट बनना चाहती हैं। मुख्यमंत्री ने डॉक्टर बनने के लिए खूब पढ़ाई की अपील की।
स्कूलों में नियमित कक्षाओं को कर रही हूं मिस : भूमिका
शिमला के लक्कड़ बाजार स्कूल की छात्रा भूमिका इंजीनियर बनना चाहती हैं। भूमिका ने कहा कि स्कूलों में होने वाली नियमित पढ़ाई को बहुत मिस कर रही हैं। ऑफलाइन पढ़ाई ज्यादा ठीक थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के चलते स्कूलों को बंद करना पड़ा है। हालात सामान्य होते ही स्कूलों को खोल दिया जाएगा।
मोबाइल, कनेक्टिविटी न होने से छूटा सिलेबस : युक्ता
सोलन की छात्रा युक्ता ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई से कई समस्याएं आ रही हैं। पहले फोन और कनेक्टिविटी न होने से काफी सिलेबस छूट गया है। उन्होंने कहा कि सब्जी तो मिल गई है, लेकिन बर्तन नहीं है जैसी स्थिति खड़ी हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो सिलेबस छूट गया है, उसका रिवीजन करवाया जाएगा।
सीए बनकर करना है हिमाचल का नाम रोशन : वनीता
सिरमौर की बारहवीं कक्षा की छात्रा वनीता सीए बनना चाहती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस व्यवसाय में खूब पैसा है। इसके लिए गणित का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। मेरा गणित कमजोर था। मुख्यमंत्री ने कि बेटियां अब हर क्षेत्र में देश-प्रदेश नाम रोशन कर रही हैं। वनीता ने मुख्यमंत्री से परीक्षाओं से दो माह पहले स्कूल खोलने की मांग की।
सरकार जल्द शुरू करे साप्ताहिक यूनिट टेस्ट : अंकिता
ऊना की अंकिता ने कहा कि वार्षिक परीक्षाएं ऑफलाइन होनी चाहिए। इससे फेयर एग्जाम होंगे। उन्होंने साप्ताहिक यूनिट टेस्ट भी शुरू करने की मांग की। अंकिता भी कार्डिओलॉजिस्ट बनना चाहती हैं। अंकिता ने ऑनलाइन पढ़ाई और ई संवाद की पहल को भी सराहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिट टेस्ट लेने का सुझाव अच्छा है।
बिजली चले जाने से प्रभावित होती रहती है पढ़ाई : अंजली
लाहौल-स्पीति के केलांग स्कूल की छात्रा अंजली सिंह ने कहा कि स्कूलों को जल्द खोलना चाहिए। क्षेत्र में भारी बर्फबारी के चलते बिजली चले जाने पर पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुचारु सप्लाई सुनिश्चित होगी। सीएम ने पूछा केलांग में कितनी बर्फ गिरी है। छात्रा ने बताया कि अभी भी क्षेत्र में दो फीट बर्फ गिरी हुई है।