हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और तूफानी हवाओं के कारण राज्य के किसानों-बागवानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। मौसम की बेरुखी से कांगड़ा में आम के बौर झड़ गए हैं। सिरमौर जिले में लहसुन की फसल को भी नुकसान पहुंचा है।
कांगड़ा, सिरमौर, हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर और सोलन जिले में तूफान के कारण गेहूं-जौ की फसल खेतों में बिछ गई है। ऊपरी शिमला, कुल्लू, मंडी, सिरमौर आदि जिलों में प्लम, आडू़, खुमानी आदि के पेड़ों पर फूल झड़ गए हैं। इससे फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है। सिरमौर जिले में दो दर्जन घरों की छतें उड़ गई हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने रविवार को बारिश से हुए नुकसान पर सभी उपायुक्तों से रिपोर्ट मांगी है। रविवार को ही इस बारे में राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व तरुण श्रीधर ने सभी जिलाधीशों को आदेश जारी किए हैं।
सभी उपायुक्तों को नुकसान का जायजा लेकर इसका ब्योरा भेजने को कहा है। श्रीधर ने माना कि रविवार की बारिश ने प्रदेश के कई क्षेत्रों में बहुत नुकसान किया है।
प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शनिवार को हिमपात हुआ। रोहतांग में तीन फीट से अधिक बर्फबारी रिकार्ड हुई है। किन्नौर जिले की ऊंची चोटियों सहित धौलाधार की पहाड़ियों पर भी ताजा हिमपात हुआ। शिमला, नारकंडा, धर्मशाला सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में शुक्रवार रात से बारिश और ओलावृष्टि होने का दौर जारी है।
किन्नौर के पुरनी नाला के पास शनिवार को नेशनल हाइवे पांच छह घंटे बंद रहा। किन्नौर के सांगला में भी ताजा बर्फबारी हुई। कुल्लू जिले के निचले क्षेत्रों में जमकर बारिश हो रही है। जिले में बसों के आधा दर्जन रूट बंद चल रहे हैं। लाहौल-स्पीति के कई क्षेत्रों में बिजली, संचार और यातायात सुविधा ठप है।
सिरमौर जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्र चूड़धार में शनिवार को बर्फबारी हुई। चंबा जिले में आधा दर्जन मार्ग बाधित हुए हैं। मणिमहेश पर्वत पर तीन से चार फीट तक ताजा हिमपात रिकॉर्ड हुआ है। शिरगुल मंदिर परिसर में दोपहर तक 12 सेंटीमीटर बर्फ रिकार्ड की गई।
नाहन, ददाहू और हरिपुरधार में दोपहर 3 बजे तक 18 मिलीमीटर से अधिक बारिश रिकार्ड की गई। शिलाई, संगड़ाह, रौनहाट एवं कफोटा में भी बारिश से ठंड बढ़ गई है। छोटा भंगाल में बर्फबारी के बाद जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। शनिवार को केलांग में 31, कोठी में 10, भरमौर में 5 और कल्पा में 4 सेंटीमीटर बर्फ रिकार्ड की गई।
भरमौर में 150 मिलीमीटर बारिश, डलहौजी में 91, मनाली में 62, जोगिंद्रनगर में 42, धर्मशाला में 40, ऊना में 22 और शिमला में 20 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। शनिवार को प्रदेश के अधिकतम तापमान में 4 से 5 और न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की कमी दर्ज की गई।
प्रदेश के मध्य पर्वतीय क्षेत्रों शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, चंबा और कुल्लू तथा उच्च पर्वतीय क्षेत्रों लाहौल-स्पीति, किन्नौर और मंडी, कुल्लू, चंबा के ऊंर्चाई वाले क्षेत्रों में भारी बारिश, बर्फबारी और ओलावृष्टि की चेतावनी है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक मैदानी क्षेत्रों ऊना हमीरपुर, बिलासपुर और कांगड़ा के अधिकांश क्षेत्रों में भी बारिश होगी। हालांकि, इन क्षेत्रों के लिए चेतावनी जारी नहीं की गई है। सोमवार को भी पूरे प्रदेश में मौसम खराब बना रहेगा।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और तूफानी हवाओं के कारण राज्य के किसानों-बागवानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। मौसम की बेरुखी से कांगड़ा में आम के बौर झड़ गए हैं। सिरमौर जिले में लहसुन की फसल को भी नुकसान पहुंचा है।
कांगड़ा, सिरमौर, हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर और सोलन जिले में तूफान के कारण गेहूं-जौ की फसल खेतों में बिछ गई है। ऊपरी शिमला, कुल्लू, मंडी, सिरमौर आदि जिलों में प्लम, आडू़, खुमानी आदि के पेड़ों पर फूल झड़ गए हैं। इससे फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है। सिरमौर जिले में दो दर्जन घरों की छतें उड़ गई हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने रविवार को बारिश से हुए नुकसान पर सभी उपायुक्तों से रिपोर्ट मांगी है। रविवार को ही इस बारे में राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व तरुण श्रीधर ने सभी जिलाधीशों को आदेश जारी किए हैं।
सभी उपायुक्तों को नुकसान का जायजा लेकर इसका ब्योरा भेजने को कहा है। श्रीधर ने माना कि रविवार की बारिश ने प्रदेश के कई क्षेत्रों में बहुत नुकसान किया है।