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विस्तार
हिमाचल प्रदेश में 338 प्राइमरी और 216 मिडल स्कूलों के पास सिर्फ एक-एक ही कमरा है। इन एक-एक कमरों में ही पहली से आठवीं कक्षाओं के बच्चों को एक साथ बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। सात प्राइमरी और तीन मिडल स्कूल ऐसे भी हैं, जिनके पास कोई कमरा भी नहीं है। यहां खुले मैदान में बच्चों की पढ़ाई करवाई जा रही है। शिक्षा विभाग की यू डाइस रिपोर्ट 2021-22 में सरकारी स्कूलों की बदहाली के यह आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021-22 में पहली से आठवीं कक्षा वाले 6,106 सरकारी स्कूलों में मात्र 20 और 5,382 में 60 से कम विद्यार्थी थे। 2,495 प्राइमरी स्कूलों के पास सिर्फ दो-दो और 4,111 स्कूलों के पास तीन-तीन ही कमरे थे। 2,969 प्राइमरी स्कूलों में एक-एक, 5,733 स्कूलों में दो-दो, 1,379 स्कूलों में तीन-तीन और 439 स्कूलों में चार से छह शिक्षकों ने पांच कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाया।
सिरमौर और सोलन में दो ऐसे प्राइमरी स्कूल भी थे, जहां शिक्षकों की संख्या 11 से 15 के बीच रही। छठी से आठवीं कक्षा वाले 57 मिडल स्कूलों में एक-एक, 416 में दो-दो, 773 में तीन-तीन और 701 स्कूलों में चार से छह शिक्षक सेवारत रहे। ऊना, सिरमौर और कांगड़ा जिले में 12 ऐसे प्राइमरी स्कूल भी थे, जहां शिक्षकों की संख्या शून्य थी। रिपोर्ट के अनुसार 10,555 प्राइमरी स्कूलों में से 5,113 में 20 से कम बच्चे, 4487 में 21 से 60, 681 में 61 से 100 और 180 स्कूलों में 101 से 140 बच्चे थे। 1949 मिडल स्कूलों में से 993 में 20 से कम, 895 में 21 से 60, 47 में 61 से 100 और 13 स्कूलों में 101 से 140 तक नामांकन रहा।
पहली से बारहवीं कक्षा में बढ़े 37,952 विद्यार्थी
प्रदेश में पहली से बारहवीं कक्षा में 37,952 विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी। वर्ष 2021-22 के दौरान सरकारी स्कूलों में 8,31,310 विद्यार्थियों ने दाखिले लिए। वर्ष 2020-21 में सरकारी स्कूलों में दाखिले लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या 7,93,358 थी।