पापा...पापा ...पापा .. मुझे पापा के पास जाना है। मुझे पापा के पास ले जाओ। पापा... अंकल मुझे मार रहे हैं। 60 सेकेंड से भी कम इस वीडियो क्लिपिंग में युग सिर्फ यह कहता हुआ रोता ही नजर आ रहा है। उसके चेहरे पर सूजन वीडियो क्लिप में नजर आ रही है।
आरोपियों के मोबाइल से फोटो भी बरामद हुए हैं। इसमें उसके हाथ ब्राउन टेप से बांधे हुए हैं और एक फोटो में उसकी गर्दन पर छुरी भी रखी हुई है। इस तरह के कई फोटो सीआईडी के कब्जे में हैं। आरोपी अभी रिमांड पर चल रहे हैं और उनसे पूछताछ चल रही है।
आरोपियों ने यह वीडियो क्लिप युग के घर भेजने के लिए बनाई थी पर सर्विलांस में पकड़े जाने के डर से गुप्ता परिवार को नहीं भेजा। बाद में उन्होंने यह क्लिप डिलिट कर दिया था जिसे बाद में सीआईडी ने री-स्टोर कर लिया। अब वह बतौर सबूत उनके पास है।
शिमला में चार साल के मासूम युग की अपहरण के बाद हत्या के मामले में आए दिन सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। किडनैपिंग के बाद 9 दिन तक मासूम से आए दिन दरिंदगी हो रही थी। पूरी कहानी जानने के बाद आप भी सिहर जाएंगे। आइए जानते हैं--
शुरुआती पूछताछ के दौरान आरोपियों ने सीआईडी को बताया कि 14 जून 2014 को युग घर से बाहर खेल रहा था। वहीं नजदीक में तेजिंद्र पाल सिंह का गोदाम है। यहां आरोपी चंद्र शर्मा और तेजिंद्र बैठे हुए थे। उस वक्त शाम के करीब चार बज रहे थे। हल्की बारिश हो रही थी।
दोनों के बीच युग के अपहरण की योजना को अंजाम देने की साजिश चल रही थी। इस दौरान विक्रांत बख्शी को भी कॉल कर गोदाम में ही बुला लिया था। इसी बीच बारिश तेज हुई और युग बारिश से बचने के लिए एक छत के नीचे खड़ा हो गया।
वहां से चंद्र शर्मा ने युग को आवाज देकर अपने पास बुलाया। युग चंद्र को अच्छे से पहचानता था। वह उसके पास चला आया। युग को गोदाम में ले जाया गया वहां पर उसे चॉकलेट दे दी गई। चॉकलेट के बाद उसे बहलाने के लिए वीडियो गेम दे दी। वीडियो गेम खेलने में युग व्यस्त हो गया।
इसी बीच चंद्र को घर से कॉल आया, वह घर चला गया। जब वह लौट कर आया, तब तक तेजिंद्र और विक्रांत ने पैकिंग टेप से उसके हाथ-पांव बांध कर पेटी में डाल दिया था। इसके बाद करीब पौने छह बजे तेजिंद्र लोकल बस स्टैंड गुरुद्वारे के पास लग्जरी गाड़ी लेकर आया।
चंद्र और विक्रांत पेटी उठाकर वहां पहुंचे। नवबहार के नजदीक किराये पर लिए गए कर्नल के फ्लैट में लाकर उसे बेड बॉक्स में डाल दिया। उसके बाद वहां बैठकर तीनों ने फिरौती कैसे मांगें, इसको लेकर योजना बनानी शुरू की लेकिन किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचे।
योजना के मुताबिक चंद्र युग के पिता विनोद गुप्ता के साथ हरदम रहता जिससे उसे पुलिस के हर कदम की जानकारी आसानी से मिलती रही। जब उन्हें लगा कि फिरौती की राशि वह नहीं ले पाएंगे तो विक्रांत ने कहा कि युग को कहीं छोड़ देते हैं।
लेकिन इसमें चंद्र ने यह कहकर इनकार कर दिया कि युग उसे पहचानता है। वह सबको बता देगा कि वह ही उसे अपने साथ ले गया था। वह फंस जाएगा। अगर वह फंस गया तो वह सबके नाम उगल देगा। जिसके बाद तीनों ने युग को कत्ल करने के लिए अपनी सहमति दे दी।
22 जून 2014 को युग की मौत का दिन आरोपियों ने चुना। उसे एक बॉक्स में भरा। हाथ-पांव बांध दिए और मुंह पर टेप लगा दी। रात को उसको गाड़ी में डाला। आरोपियों ने चौड़ा मैदान से एक बड़ा पत्थर उठाया और रस्सी की मदद से युग में बांध दिया।
क्लस्टन टैंक पहुंचे, वहां आराम से गाड़ी को साइड में लगाया। इधर-उधर देखा और बेहोश युग को पानी से भरे टैंक में फेंक कर चलते बने।
युग के फोटो करीब करीब नंगा करके खींचे हैं। केवल एक सफेद रंग का छोटा सा कपड़ा कमर पर बांधा हुआ था। ब्राउन रंग की टैप से उसके हाथ बांधे हुए थे। यह फोटो बेड बॉक्स के अंदर लिए हुए थे। फ्लैट में रखे मैट पर भी कुछ फोटो लिए हुए हैं। इस मैट को भी जांच के लिए कब्जे में लिया गया है।
तारादेवी रोड पर हो रही टी-शर्ट की खोज
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि युग के घर में उसके अंडर गारमेंटस और लॉकेट ही भेजा था। कुछ कपड़े तेजिंद्र के गोदाम में जलाए थे। एक टी-शर्ट थी, उसे तारादेवी रोड पर झाड़ियों में फेंका था। उस टी-शर्ट की खोज सीआईडी कर रही है।
दावा किया जा रहा है कि जो पत्थर पानी के टैंक से बरामद किया गया है, उसमें खून के धब्बे मिले हैं। बताया जा रहा है कि यह ब्लड युग का ही है। हालांकि, फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
घटनास्थल पर जो जबड़ा मिला है, वह भी युग का ही बताया गया है। इसमें तीन-चार दांत थे। इसके अलावा किराये के फ्लैट से युग की चप्पलें भी मिली हैं। सभी बरामद चीजों को फोरेंसिक लैब जुन्गा भेजा गया है। इन सब की बाकायदा वीडियोग्राफी की गई है।
मासूम युग का अपहरण और हत्या करने वाले आरोपियों के कई हाई प्रोफाइल लोगों से कनेक्शन थे। इसके चलते ही वे आपराधिक मामलों में फंसने के बाद भी आरोपी आसानी से छूटते रहे। पुलिस भी इन पर हाथ डालने से बचती रही। पुलिस ने इन्हें एक चोरी की घटना में पकड़ा, लेकिन ये जल्द ही छूट गए। छूटने के बाद इन लोगों ने चंडीगढ़ में एक बड़ी पार्टी की।
कानून की धज्जियां उड़ाने वालों पर स्मार्ट पुलिस को संदेह नहीं हुआ। युग के परिजनों के शक जताने पर ही पुलिस की रडार पर आरोपी आए। राजधानी शिमला के राम बाजार के कारोबारियों का कहना है तजेंद्र और चंद्र राजनेताओं और ऊंचे ओहदों पर बैठे प्रशासनिक अफसरों तक उनकी पहुंच होने की बात कहकर अपना दबदबा दिखाते थे।
युग मामले में एक बार गिरफ्तार होने के बाद जमानत पर बाहर आकर भी उन्होंने अपनी धौंस कई लोगों पर जमाई थी। कहा था कि उन्हें इस मामले में फंसाने वाले एक-एक आदमी को देख लेंगे। फेसबुक पर चंद्र शर्मा ने कई राजनेताओं के साथ फोटो खिंचवाकर अपलोड की है। इसकी फ्रेंड लिस्ट में कई नेता भी हैं। सोशल मीडिया की इन गतिविधियों को अपने दोस्तों को दिखाकर चंद्र खूब धौंस जमाता था।
तजेंद्र पाल सिंह ने तो फेसबुक पर रिवाल्वर हाथ में पकड़ कर फोटो अपलोड की है। राम बाजार के युवाओं का कहना है तजेंद्र कई बार उनके सामने मोबाइल फोन पर बड़े-बड़े अफसरों के नाम लेकर उन्हें फोन करता था। दोस्तों की तरह वह इनसे बात करता था। युवाओं का कहना है कि उन्हें यह पता नहीं है कि क्या सच में वह अफसरों से बात करता था या किसी और को ही फोन पर रौब दिखाता था।
चंडीगढ़ में अकसर होती थीं पार्टियां
शिमला। चंद्र शर्मा और तजेंद्र पाल सिंह का अकसर चंडीगढ़ आना-जाना होता था। युग मामले में एक बार गिरफ्तार होकर छूटने पर इन्होंने चंडीगढ़ में खूब पार्टियां भी की थी। इन पार्टियाें के बारे में उन्होंने शिमला आकर कई युवकों को कहानियां भी सुनाईं।
नगर निगम ने भराड़ी टैंक की सफाई के दौरान गाद के साथ मासूम का कंकाल भी बाहर फेंक दिया था। इस बारे में बुधवार को नगर निगम के अफसरों ने टैंक साफ करने वाले कर्मचारियों से पूछताछ की तो पता चला कि इसी साल जनवरी भराड़ी टैंक की भी सफाई के दौरान एक कंकाल जैसी चीज मिली थी।
उन्होंने समझा ये किसी लंगूर का कंकाल है। अफसरों ने पूछा तब इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई। तो उनका जवाब था इससे बात का बतंगड़ बनता इसलिए उस अस्थि पिंजर को बोरे में डाल कर चुपचुप टैंक के बाहर ही फेंक दिया गया।
ये कंकाल गाद के साथ टुकड़ों में निकला था। गाद में बड़ी हड्डियां मिली थी। लंगूर पानी के बंद टैंक में कैसे गिर गया यह जानने की जहमत किसी ने नहीे की। अगर इसी समय मामले की सूचना पुलिस को दी जाती तो शायद युग के अपहरण और हत्याकांड की गुत्थी उसी समय सुलझ जाती।
टैंक से गाद के साथ हड्डियां निकलने की जब चर्चा हुई तो स्थानीय लोगों ने भी इस पर सवाल उठाए। पीने के पानी के टैंक में बंदर के कंकाल की हड्डियां निकलने को लेकर लोगों ने खूब बवाल किया। टैंक से कंकाल निकलने पर लोगों को बीमारी का अंदेशा था।
शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने कहा है कि ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में बच्चे की लाश से युक्त पेयजल पिलाने पर लापरवाही के लिए नगर निगम शिमला की बर्खास्तगी की मांग पर विचार होगा। उन्होंने कहा कि भराड़ी में पानी के टैंक के साथ कंकाल के अवशेष पाए गए हैं।
कंक्रीट के एक ब्लॉक में सफेद चीज भी मिली है। इसे फोरेंसिक जांच को भेजा गया है। टैंक की ठीक से सफाई नहीं करने वाले नगर निगम शिमला के अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो रही है। नगर निगम को निर्देश हुए हैं कि पानी के टैंक की फेंसिंग की जाए।
सफाई कागजों में हुई या मौके पर हुई। ये जवाब नगर निगम से आया है। इसकी जांच होगी। शिमला से भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज और कसुम्पटी से कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह ने इस पर सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया। सुधीर शर्मा ने इस पर जवाब दिया।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो सुनवाई : वीरभद्र
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बुधवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब देते हुए सदन में कहा कि युग गुप्ता मामले में पुलिस ने गंभीरता से जांच की है, उसी के बाद यह मामला उजागर हुआ है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोर्ट में दोषियों को उचित सजा दिलाई जाएगी।
बाद में विधानसभा परिसर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में सीएम वीरभद्र सिंह ने कहा कि युग हत्याकांड का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलना चाहिए। युग गुप्ता के परिजनों को सरकार पूरा न्याय दिलाने को प्रयासरत है।
हालांकि, अनौपचारिक बातचीत में विधानसभा परिसर में सीएम वीरभद्र सिंह ने बाद में कहा कि नगर निगम को भंग करना सही नहीं होगा। इसका टेन्योर पूरा होने वाला है। जनता ही फैसला करेगी।
शिमला से भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जिस टैंक से बच्चे का कंकाल मिला है, उससे कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह को पानी जाता है। शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा को भी इसी से पानी जाता है। कई जजों को भी पेयजल आपूर्ति होती है।
नगर निगम टैंकों के साफ करने के हाईकोर्ट में भी हलफनामे देता रहा। सफाई के बाद भी इसमें कंकाल पड़ा रहा। पत्थर भी उसमें था, उसी में बांधकर बच्चे का शव इस टैंक में फेंका गया। शहरी विकास मंत्री को इस मामले में नगर निगम शिमला के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलना चाहिए। जो लोग पकडे़ गए, उनके बड़े लोगों से संबंध हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस बारे में फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित किया जाना चाहिए।
कड़क तेवरों को अपनाते हुए कसुम्पटी से कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि युग मामले में सीएम वीरभद्र सिंह जवाब दें। बीते दिन सीएम वीरभद्र सिंह ने जवाब दिया कि टैंक के पास एक तालाब था, उसमें कंकाल मिला। न तो वहां बावड़ी है और न ही कोई तालाब।
वहां बर्फ जमाई जाती है। बीते दिन भी डीजीपी से बात हुई। पुलिस से जवाब लिया जाना चाहिए कि टैंक के भीतर बॉडी के कुछ हिस्से मिले हैं या नहीं। अनिरुद्ध बोले - ये राजनीतिकरण का मामला नहीं है। लोग बंद पानी की बोतलें मंगवाने को मजबूर हैं।
बीते दिन भी सफाई हुई तो टैंक को ठीक से साफ नहीं किया गया। मेयर और डिप्टी मेयर विदेश घूम रहे हैं। ऐसे नगर निगम को सस्पेंड किया जाए। अनिरुद्ध बोले कि सारे मामले में डीसी और एमसी के खिलाफ कार्रवाई करें। नगर निगम ठीक से नहीं चल रहा है। इसे भंग किया जाए।
हाईकोर्ट की फटकार से घबराए नगर निगम के अफसरों ने बुधवार की सुबह क्लस्टन स्थित उस भराड़ी टैंक की एक बार फिर सफाई की जिसमें युग का कंकाल निकला था। इससे पहले नगर निगम ने 15 जुलाई को टैंक की सफाई की थी।
41 दिन बाद फिर हुई सफाई में टैंक से कनस्तरों के जरिये गाद और कचरा बाहर निकाला। सवाल उठता है कि 15 जुलाई को टैंक साफ किया गया तो फिर 40 दिन के भीतर इतना कचरा कैसे आ गया? क्या इससे पहले सफाई के नाम पर खानापूर्ति की गई थी?
नगर निगम की टीम बुधवार सुबह करीब आठ बजे भराड़ी टैंक पहुंची। टैंक के भीतर घुप अंधेरे में सफाई की प्रक्रिया के दौरान निगम कर्मियों ने टैंक के तल में इकट्ठा हुई गाद और गंदगी को कनस्तरों में भर कर बाहर निकाला। मटमैले पानी को आउटलेट से बाहर निकाला गया।
टैंक के भीतर चार आउटलेट पाइपों में से ऊपर की दो पाइपों के जरिये मैला पानी बाहर निकाला गया। इसके बाद टैंक के तल पर झाड़ू भी लगाया। सफाई कर रहे निगम कर्मियों से यह पूछने पर कि 41 दिन के भीतर टैंक में इतनी गाद कैसे आ गई, तो बताया कि बरसात के कारण पेयजल योजनाओं में गाद की मात्रा बढ़ जाती है। इस कारण गाद स्टोरेज टैंकों तक पहुंच रही है।
उपायुक्त ने 20 दिन में मांगी एमसी से रिपोर्ट
उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने नगर निगम शिमला से कलस्टन स्थित पानी के टैंक की सफाई से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट 20 दिन के भीतर तलब की है।
मासूम युग के अपहरण और हत्या के विरोध में एबीवीपी ने बुधवार को विश्वविद्यालय और उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त कार्यालय से लेकर रिज मैदान पर महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने कैंडल लगाकर उस मासूम की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर प्रार्थना की।
शहर की जनता को दूषित पानी पिला कर सेहत से खिलवाड़ किए जाने के आरोपों के साथ नगर निगम के डिप्टी मेयर के कार्यालय में नारेबाजी की। इसकी अगुवाई एबीवीपी के प्रांत मंत्री आशीष सिक्टा और संगठन नेता अतुल शर्मा ने की। उपायुक्त कार्यालय के बाहर किए गए प्रदर्शन के दौरान इन नेताओं ने युग की हत्या के आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिए जाने की मांग की।
इसके साथ ही उन्होंने इस मामले को सुलझाने में लगाए गए दो वर्ष के लिए प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन को जमकर कोसा। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी कई सवाल खड़े किए। सिक्टा ने कहा कि नगर निगम महापौर और उप महापौर ने लगातार पेयजल आपूर्ति और लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने में लापरवाही बरत कर जनता की सेहत से खिलवाड़ किया है। इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
पापा...पापा ...पापा .. मुझे पापा के पास जाना है। मुझे पापा के पास ले जाओ। पापा... अंकल मुझे मार रहे हैं। 60 सेकेंड से भी कम इस वीडियो क्लिपिंग में युग सिर्फ यह कहता हुआ रोता ही नजर आ रहा है। उसके चेहरे पर सूजन वीडियो क्लिप में नजर आ रही है।
आरोपियों के मोबाइल से फोटो भी बरामद हुए हैं। इसमें उसके हाथ ब्राउन टेप से बांधे हुए हैं और एक फोटो में उसकी गर्दन पर छुरी भी रखी हुई है। इस तरह के कई फोटो सीआईडी के कब्जे में हैं। आरोपी अभी रिमांड पर चल रहे हैं और उनसे पूछताछ चल रही है।
आरोपियों ने यह वीडियो क्लिप युग के घर भेजने के लिए बनाई थी पर सर्विलांस में पकड़े जाने के डर से गुप्ता परिवार को नहीं भेजा। बाद में उन्होंने यह क्लिप डिलिट कर दिया था जिसे बाद में सीआईडी ने री-स्टोर कर लिया। अब वह बतौर सबूत उनके पास है।
शिमला में चार साल के मासूम युग की अपहरण के बाद हत्या के मामले में आए दिन सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। किडनैपिंग के बाद 9 दिन तक मासूम से आए दिन दरिंदगी हो रही थी। पूरी कहानी जानने के बाद आप भी सिहर जाएंगे। आइए जानते हैं--