ईद-उल-फितर
रमजान का चांद डूबने और अगले दिन चांद दिखाई देने के उसके अगले दिन बाद की तारीख यानि इस बार सोमवार 26 जून को मनाई जाएगी।
ईद-उल-फितर में रोजे की समाप्ति की खुशी के अलावा
मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए करते हैं कि उन्होंने महीने भर के उपवास रखने की ताकत दी। इस महीने में हर मुसलमान को अल्लाह का शुक्रिया अदा करना,रोजा रखना,दान देना आदि का फर्ज है। आइए नजर डालते हैं रमजान और ईद से जुडी की रोचक बातों पर।
- रमजान के महीने की आखिरी दिन जब चांद दिखाई देता है तो उसके बाद वाले दिन को ईद मनाई जाती है।
- मुसलमान लोग इस दौरान पूरे महीने रोजा रखते हैं। इस्लामिक कैलेण्डर के मुताबिक रमजाद का महीना तीस दिन का होता है।
- रमजान के दिनों में रोज रखने वाला मुसलमान सहरी और इफ्तार के दौरान ही कुछ खाता पीता है
- ऐसा माना जाता है कि रमजान के महीने की 27वीं रात को कुरान का नुजूल यानी अवतरण हुआ था।
- हिजरी कैलेण्डर के अनुसार ईद साल में दो बार आती हैं एक ईद को ईद-उल-फितर और दूसरी को ईद-उल-जुहा कहा जाता है। ईद-उल-फितर को सिर्फ ईद या मीठी ईद भी कहा जाता है।
- ईद के दिन मस्जिद में सुबह का नमाज पढ़ी जाती है और एक दूसरों से गले मिलकर मुबाकबाद देते हैं।
- इस ईद में मुसलमान 30 दिनों के बाद पहली बार दिन में खाना खाते हैं। ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि उन्होने महीनेभर उपवास रखने की शक्ति दी।
- ईद के दौरान बढ़िया खाने के अलावा नए कपड़े भी पहने जाते है और दोस्तों और रिश्तेदारो के बीच तोहफों का आदान प्रदान होता है।
ईद-उल-फितर रमजान का चांद डूबने और अगले दिन चांद दिखाई देने के उसके अगले दिन बाद की तारीख यानि इस बार सोमवार 26 जून को मनाई जाएगी। ईद-उल-फितर में रोजे की समाप्ति की खुशी के अलावा मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए करते हैं कि उन्होंने महीने भर के उपवास रखने की ताकत दी। इस महीने में हर मुसलमान को अल्लाह का शुक्रिया अदा करना,रोजा रखना,दान देना आदि का फर्ज है। आइए नजर डालते हैं रमजान और ईद से जुडी की रोचक बातों पर।
- रमजान के महीने की आखिरी दिन जब चांद दिखाई देता है तो उसके बाद वाले दिन को ईद मनाई जाती है।
- मुसलमान लोग इस दौरान पूरे महीने रोजा रखते हैं। इस्लामिक कैलेण्डर के मुताबिक रमजाद का महीना तीस दिन का होता है।
- रमजान के दिनों में रोज रखने वाला मुसलमान सहरी और इफ्तार के दौरान ही कुछ खाता पीता है
- ऐसा माना जाता है कि रमजान के महीने की 27वीं रात को कुरान का नुजूल यानी अवतरण हुआ था।