विश्व चैंपियन और दुनिया की नंबर वन टीम ऑस्ट्रेलिया ने मौकों को भुनाने की कला दिखाते हुए ओलंपिक चैंपियन जर्मनी पर बुधवार को रायपुर में 4-1 से जीत दर्ज कर हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल के सेमीफाइनल में जगह बना ली।
ऑस्ट्रेलिया ने इस जीत के साथ ब्रिटेन के हाथों आखिरी लीग मैच में मिली हार की निराशा को भी धोकर अपनी रंगत फिर पा ली। विजेता ऑस्ट्रेलिया के लिए जेरमी हेवर्ड, जैमी डायर, मैथ्यू डासन और ग्लेन टर्नर ने एक-एक गोल किया। जर्मनी की रक्षापंक्ति में उसके अनुभवी डिफेंडर मॉरित्ज फुर्त्जे और मैथियाज मूलर ने बेहद ढीला खेल दिखाया।
इसके उलट सरदार पटेल अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के गोलरक्षक लॉवेल टेलर ने गजब की फुर्ती और मुस्तैदी दिखाते हुए जर्मनी के ऑस्कर डिके के पेनाल्टी स्ट्रोक को रोका। जर्मनी के लिए एकमात्र गोल क्रिस्टोफर रुइर ने एक-एक गोल किया।
कोंस्टेनटाइन जोंकर और रॉयल बोवेनडर्ट के एक-एक गोल की बदौलत तीसरे रैंकिंग नीदरलैंड ने मजे-मजे में खेलते हुए सबसे निचले रैंकिंग की कनाडा(14) को यहां पहले क्वार्टर फाइनल में बुधवार को 2-0 से हरा दिया। नीदरलैंड सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगा।
ऑस्ट्रेलिया के जेरमी हेवर्ड ने जर्मनी के खिलाफ चौथे मिनट में मिले पहले पेनाल्टी कॉर्नर पर दमदार ड्रैग फ्लिक से गोल कर अपनी टीम का खाता खोला। मैथ्यू स्वान के अगले ही मिनट दाएं से तेज क्रॉस पर जैमी डायर ने डी के भीतर गेंद पर अपनी हॉकी लगाई और गेंद गोल में चली गई। डायर के गोल से ऑस्ट्रेलिया ने पहले ही क्वार्टर के शुरू में ही 2-0 की बढ़त बना ली।
जर्मनी को 12वें मिनट पहले पेनाल्टी कॉर्नर पर लुकास विंडफेडर के तेज फ्लिक को गोलरक्षक टेलर लॉवेल ने रोक कर ऑस्ट्रेलिया पर आया खतरा टाला। जर्मनी को तीसरे क्वार्टर के आठवें मिनट में फ्लोरियन फुश्च के फ्लिक को रोकने की कोशिश में गोलरक्षक लॉवेल गेंद पर बैठ गए। इस पर जर्मनी को मिले पेनाल्टी स्ट्रोक को गोलरक्षक लॉवेल ने रोक अपनी टीम को गोल खाने से बचा लिया।
मैथ्यू डॉसन ने मैच के 27वें मिनट में चौथे पेनाल्टी कॉर्नर पर तेज फ्लिक से गोल कर ऑस्ट्रेलिया की बढ़त 3-0 कर दी। जर्मनी के मैथियास मूलर के क्रॉस पर क्रिस्टोफर रुईर ने तीसरे क्वार्टर के दसवें मिनट में गोल कर स्कोर 1-3 कर दिया। खेल खत्म होने से दो मिनट पहले ग्लेन टर्नर ने गोल कर ऑस्ट्रेलिया को 4-1 से जीत दिला दी।
जीत के लिए भारत को मौके भुनाने होंगे
सरदार सिंह के सामने अपनी ‘सरदारी’ में ब्रिटेन के खिलाफ हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल के क्वार्टर फाइनल में भारत की नैया किनारे लगाने की पहाड़ की चुनौती है। ब्रिटेन की चुनौती से पार पाने के लिए भारत को बृहस्पतिवार को बतौर टीम एकजुट होकर खेलना होगा।
भारत को जीतना है तो उसे ब्रिटेन के खिलाफ गोल के मौके बनाने के साथ भुनाने भी होंगे। ब्रिटेन की ताकत है यूरोपीय शैली की मैन-टू-मैन मार्किंग और जोरदार जवाबी हमले। अपने डच हॉकी उस्ताद रोलैंट ओल्टमैंस के मार्गदर्शन में भारतीय खिलाड़ी अपनी पारंपरिक कलाकारी के साथ ‘स्ट्रक्चर’ हॉकी खेल रहे हैं।
विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हरा कर सबसे बड़ा उलटफेर करने से ब्रिटेन के हौसले बुलंद हैं। बेल्जियम के खिलाफ मंगलवार को तीन बार बढ़त लेने के बावजूद उसे गंवा कर ब्रिटेन को ड्रॉ पर मजबूर होना पड़ा था। यह दर्शाता है कि दबाव बना कर ब्रिटेन का किला भी बिखेरा जा जाता है। भारतीय खिलाड़ियों को ब्रिटेन के खिलाफ बेवजह ‘कार्ड’ पाने से बचना होगा।
दुनिया की टॉप आठ टीमों के इस टूर्नामेंट में भले ही अब तक ब्रिटेन ने इस बार सबसे दमदार प्रदर्शन किया लेकिन बाकी टीमें भी अपने दिन किसी भी बड़ी टीम को चौंका सकती है। ब्रिटेन के खिलाफ भारत का दारोमदार मध्यपंक्ति में सरदार की चतुराई पर करेगा। भारत को यहां इस टूर्नामेंट में पहली जीत का इंतजार है। आखिरी क्षणों में अंतिम पास देने में गड़बड़ी के कारण भारत की पूरी मेहनत पर पानी फिरता रहा है। भारत (6) यदि इस तरह की गलतियां से बचा तो वह वर्ल्ड रैंकिंग में अपने से बेहतर ब्रिटेन (4) से पार पाकर सेमीफाइनल में कदम रख सकता है।
विश्व चैंपियन और दुनिया की नंबर वन टीम ऑस्ट्रेलिया ने मौकों को भुनाने की कला दिखाते हुए ओलंपिक चैंपियन जर्मनी पर बुधवार को रायपुर में 4-1 से जीत दर्ज कर हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल के सेमीफाइनल में जगह बना ली।
ऑस्ट्रेलिया ने इस जीत के साथ ब्रिटेन के हाथों आखिरी लीग मैच में मिली हार की निराशा को भी धोकर अपनी रंगत फिर पा ली। विजेता ऑस्ट्रेलिया के लिए जेरमी हेवर्ड, जैमी डायर, मैथ्यू डासन और ग्लेन टर्नर ने एक-एक गोल किया। जर्मनी की रक्षापंक्ति में उसके अनुभवी डिफेंडर मॉरित्ज फुर्त्जे और मैथियाज मूलर ने बेहद ढीला खेल दिखाया।
इसके उलट सरदार पटेल अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के गोलरक्षक लॉवेल टेलर ने गजब की फुर्ती और मुस्तैदी दिखाते हुए जर्मनी के ऑस्कर डिके के पेनाल्टी स्ट्रोक को रोका। जर्मनी के लिए एकमात्र गोल क्रिस्टोफर रुइर ने एक-एक गोल किया।
कोंस्टेनटाइन जोंकर और रॉयल बोवेनडर्ट के एक-एक गोल की बदौलत तीसरे रैंकिंग नीदरलैंड ने मजे-मजे में खेलते हुए सबसे निचले रैंकिंग की कनाडा(14) को यहां पहले क्वार्टर फाइनल में बुधवार को 2-0 से हरा दिया। नीदरलैंड सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगा।
ऑस्ट्रेलिया के जेरमी हेवर्ड ने जर्मनी के खिलाफ चौथे मिनट में मिले पहले पेनाल्टी कॉर्नर पर दमदार ड्रैग फ्लिक से गोल कर अपनी टीम का खाता खोला। मैथ्यू स्वान के अगले ही मिनट दाएं से तेज क्रॉस पर जैमी डायर ने डी के भीतर गेंद पर अपनी हॉकी लगाई और गेंद गोल में चली गई। डायर के गोल से ऑस्ट्रेलिया ने पहले ही क्वार्टर के शुरू में ही 2-0 की बढ़त बना ली।
जर्मनी को 12वें मिनट पहले पेनाल्टी कॉर्नर पर लुकास विंडफेडर के तेज फ्लिक को गोलरक्षक टेलर लॉवेल ने रोक कर ऑस्ट्रेलिया पर आया खतरा टाला। जर्मनी को तीसरे क्वार्टर के आठवें मिनट में फ्लोरियन फुश्च के फ्लिक को रोकने की कोशिश में गोलरक्षक लॉवेल गेंद पर बैठ गए। इस पर जर्मनी को मिले पेनाल्टी स्ट्रोक को गोलरक्षक लॉवेल ने रोक अपनी टीम को गोल खाने से बचा लिया।
मैथ्यू डॉसन ने मैच के 27वें मिनट में चौथे पेनाल्टी कॉर्नर पर तेज फ्लिक से गोल कर ऑस्ट्रेलिया की बढ़त 3-0 कर दी। जर्मनी के मैथियास मूलर के क्रॉस पर क्रिस्टोफर रुईर ने तीसरे क्वार्टर के दसवें मिनट में गोल कर स्कोर 1-3 कर दिया। खेल खत्म होने से दो मिनट पहले ग्लेन टर्नर ने गोल कर ऑस्ट्रेलिया को 4-1 से जीत दिला दी।
जीत के लिए भारत को मौके भुनाने होंगे
सरदार सिंह के सामने अपनी ‘सरदारी’ में ब्रिटेन के खिलाफ हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल के क्वार्टर फाइनल में भारत की नैया किनारे लगाने की पहाड़ की चुनौती है। ब्रिटेन की चुनौती से पार पाने के लिए भारत को बृहस्पतिवार को बतौर टीम एकजुट होकर खेलना होगा।
भारत को जीतना है तो उसे ब्रिटेन के खिलाफ गोल के मौके बनाने के साथ भुनाने भी होंगे। ब्रिटेन की ताकत है यूरोपीय शैली की मैन-टू-मैन मार्किंग और जोरदार जवाबी हमले। अपने डच हॉकी उस्ताद रोलैंट ओल्टमैंस के मार्गदर्शन में भारतीय खिलाड़ी अपनी पारंपरिक कलाकारी के साथ ‘स्ट्रक्चर’ हॉकी खेल रहे हैं।
विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हरा कर सबसे बड़ा उलटफेर करने से ब्रिटेन के हौसले बुलंद हैं। बेल्जियम के खिलाफ मंगलवार को तीन बार बढ़त लेने के बावजूद उसे गंवा कर ब्रिटेन को ड्रॉ पर मजबूर होना पड़ा था। यह दर्शाता है कि दबाव बना कर ब्रिटेन का किला भी बिखेरा जा जाता है। भारतीय खिलाड़ियों को ब्रिटेन के खिलाफ बेवजह ‘कार्ड’ पाने से बचना होगा।
दुनिया की टॉप आठ टीमों के इस टूर्नामेंट में भले ही अब तक ब्रिटेन ने इस बार सबसे दमदार प्रदर्शन किया लेकिन बाकी टीमें भी अपने दिन किसी भी बड़ी टीम को चौंका सकती है। ब्रिटेन के खिलाफ भारत का दारोमदार मध्यपंक्ति में सरदार की चतुराई पर करेगा। भारत को यहां इस टूर्नामेंट में पहली जीत का इंतजार है। आखिरी क्षणों में अंतिम पास देने में गड़बड़ी के कारण भारत की पूरी मेहनत पर पानी फिरता रहा है। भारत (6) यदि इस तरह की गलतियां से बचा तो वह वर्ल्ड रैंकिंग में अपने से बेहतर ब्रिटेन (4) से पार पाकर सेमीफाइनल में कदम रख सकता है।