हाल ही में टोक्यो ओलंपिक में भारतीय एथलीटों ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए सात पदक जीते। यह किसी भी ओलंपिक में भारत द्वारा किया गए अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हैं। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक पर कब्जा किया। खेलों के महाकुंभ में भारतीय एथलीटों ने पदक जीतने के बाद जो भारतीय संस्कृति की छाप छोड़ी उसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। जिस किसी भारतीय ने व्यक्तिगत स्पर्धा में पदक जीता उसके बाद उसने ऐसा व्यवहार किया की उसका प्रतिद्वंदी भी अविभूत हो गया। आइए आपको कुछ भारतीय एथलीटों की ऐसी तस्वीरें दिखाते हैं जिन्होंने पदक जीतने के बाद भारतीय संस्कृति, सादगी, विनम्रता और अपने संस्कारों की मिसाल पेश की।
नीरज चोपड़ा
भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद भारतीय संस्कृति की अद्भुत मिसाल पेश की है। जैसे ही उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता उसके बाद उन्होंने जमीन पर अपना माथा टेक दिया। यह दर्शाता है कि नीरज चोपड़ा कितना जमीन से जुड़े हुए खिलाड़ी हैं। इसके बाद वह स्टेडियम में जाकर अन्य भारतीय खिलाड़ियों से भी विनम्र भाव से मिले।
रवि दहिया
पहलवान रवि दहिया ने 57 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता। पदक जीतने के बाद उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी खिलाड़ी को हाथ जोड़ कर प्रणाम किया। अपने विपक्षी को हराने के बाद उससे हाथ जोड़कर नमस्कार करना यह दहिया की सादगी दिखाता कि वह कितना मिट्टी से जुड़़े हुए इनसान हैं।
पीवी सिंधु
भारत की स्टार स्टार शटलर पीवी सिंधु ने चीन की बिंग जियाओं को हराकर कांस्य पदक जीता। इसके बाद उन्होंने हाथ जोड़कर अपनी प्रतिद्वंदी खिलाड़ी को नमस्कार किया। इस दौरान सिंधु ने भी अपनी विनम्रता औ सादगी की मिशाल पेश की।
मीराबाई चानू
टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई चानू ने भारत के लिए पहला पदक जीता। उन्होंने वेटलिफ्टिंग में रजत पदक अपने नाम किया। उन्होंने सिल्वर मेडल जीतने के बाद खड़े होकर सबको हाथ जोड़ कर प्रणाम किया। इस तरह चानू ने भी सादगी पेश करते हुए अपने जमीन से जुड़े होने का उदाहरण पेश किया।