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Can not delete objectionable video of officer without mobile number WhatsApp to Delhi High Court
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WhatsApp: मोबाइल नंबर के बिना अधिकारी के आपत्तिजनक वीडियो को नहीं हटा सकते, दिल्ली हाईकोर्ट में व्हाट्सएप
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विशाल मैथिल
Updated Fri, 09 Dec 2022 07:06 PM IST
सार
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दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान व्हाट्सएप की ओर से बताया गया कि वह यूजर्स के फोन नंबर दिए बिना मैसेजिंग एप पर न्यायिक अधिकारी के अश्लील वीडियो के सर्कुलेशन को नहीं रोक सकता है।
जज के आपत्तिजनक वीडियो के संबंध में व्हाट्सएप ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वह यूजर्स के मोबाइल नंबर के बिना न्यायिक अधिकारी के अश्लील वीडियो को नहीं हटा सकते। दरअसल, मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप का कहना है कि कंपनी तब तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकती जब तक कि उसे यूजर्स का मोबाइल नंबर नहीं दिया जाता। बता दें कि निचली अदालत के एक जज से जुड़े अश्लील वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान व्हाट्सएप की ओर से बताया गया कि वह यूजर्स के फोन नंबर दिए बिना मैसेजिंग एप पर न्यायिक अधिकारी को अश्लील स्थिति में दिखाने वाले वीडियो के सर्कुलेशन को नहीं रोक सकता। बता दें कि न्यायिक अधिकारी की एक महिला के साथ अश्लील वीडियो वायरल हुई थी, जिसके बाद अदालत ने 30 नवंबर को वीडियो को शेयर करने और पोस्ट करने पर रोक लगा दी थी और विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी इस कंटेंट को हटाने के लिए कहा गया था।
व्हाट्सएप की ओर से कोर्ट में पेश हुए सीनियर अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वे हमसे कुछ ऐसा करने की उम्मीद कर रहे हैं जो हम करने की स्थिति में नहीं हैं। जब तक यूजर का मोबाइल नंबर मुहैया नहीं करवाया जाता हम तब तक हम वीडियो के सर्कुलेशन पर रोक नहीं लगा सकते। जबकि स्थायी वकील अजय दिगपॉल द्वारा प्रतिनिधित्व केंद्र सरकार ने सूचित किया कि एक अनुपालन हलफनामा दायर किया गया है और फेसबुक और ट्विटर सहित कई प्लेटफार्मों द्वारा कार्रवाई की गई है। हालांकि इस दौरान अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि उन्होंने वीडियो को हटा दिया है।
वीडियो हटाने के लिए मिला समय
न्यायमूर्ति वर्मा ने यह देखते हुए कि निजी आदान-प्रदान URL या वेब लिंक की तरह नहीं हैं, याचिकाकर्ता को सामग्री शेयर करने वाले फोन नंबरों का विवरण प्रदान करने के लिए समय दिया। वहीं कोर्ट ने याचिकाकर्ता को व्हाट्सएप को नंबर भी मुहैया कराने को कहा है ताकि वह इस मामले में जल्द कार्रवाई कर सके।
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