डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की ओर से ऑनलाइन हेल्प डेस्क की व्यवस्था शुरू किए जाने के पहले दिन 46 छात्र-छात्राओं ने अपनी समस्याएं रखीं। इसमें 30 से अधिक समस्याएं अंकपत्र में संशोधन से संबंधित थीं। जिन छात्र-छात्राओं के आवेदन के साथ जरूरी प्रमाणपत्र लगे थे, उनको हेल्प डेस्क से सीधे एजेंसी को भेज दिए गए।
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रो. प्रदीप श्रीधर ने बताया कि पहले दिन ऑनलाइन हेल्प डेस्क पर पहुंचे आवेदनों में करीब 50 फीसदी ऐसे थे, जिनके साथ सभी जरूरी प्रमाणपत्र लगाए थे। किसी के नाम त्रुटि थी, किसी को अपनी फोटो ठीक करानी थी, ऐसे आवेदनों को एजेंसी ठीक कराने के लिए भेज दिया गया। सात-आठ आवेदनों के साथ जरूरी प्रमाणपत्र नहीं लगाए गए थे, उनको ई-मेल करके कमियां बता दी गई हैं। ऐसे भी आवेदन प्राप्त हुए जो वर्ष 2014 के पहले का प्रकरण है, एजेंसी वर्ष 2014 तक के काम को देख रही है। ऐसे में इन आवेदनों को परीक्षा नियंत्रक के पास भेज दिया गया।
ऑनलाइन हेल्प डेस्क के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान के लिए आवेदन करने वालों को शिकायत नंबर भी दिया गया। वह उस शिकायत नंबर के आधार पर अपने आवेदन के निस्तारण की स्थिति पता कर सकेंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन की योजना है कि आगरा के अलावा अन्य जिलों के छात्र-छात्राओं के अंकपत्र ठीक होने के बाद स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेज दिए जाएंगे।
हेल्प डेस्क पर पर पहुंचे 93 छात्र-छात्राएं
ऑनलाइन हेल्प डेस्क की व्यवस्था शुरू होने के बाद भी छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय समस्याओं का समाधान कराने पहुंचे। बुधवार को कुल 93 छात्र-छात्राओं ने प्रार्थनापत्र दिए। इसमें डिग्री, अंकपत्र, प्रमाण पत्रों के सत्यापन आदि से जुड़े मामले रहे। कुछ छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरने में परेशानी हो रही थी, उनकी समस्या का समाधान कराया गया।
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की ओर से ऑनलाइन हेल्प डेस्क की व्यवस्था शुरू किए जाने के पहले दिन 46 छात्र-छात्राओं ने अपनी समस्याएं रखीं। इसमें 30 से अधिक समस्याएं अंकपत्र में संशोधन से संबंधित थीं। जिन छात्र-छात्राओं के आवेदन के साथ जरूरी प्रमाणपत्र लगे थे, उनको हेल्प डेस्क से सीधे एजेंसी को भेज दिए गए।
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रो. प्रदीप श्रीधर ने बताया कि पहले दिन ऑनलाइन हेल्प डेस्क पर पहुंचे आवेदनों में करीब 50 फीसदी ऐसे थे, जिनके साथ सभी जरूरी प्रमाणपत्र लगाए थे। किसी के नाम त्रुटि थी, किसी को अपनी फोटो ठीक करानी थी, ऐसे आवेदनों को एजेंसी ठीक कराने के लिए भेज दिया गया। सात-आठ आवेदनों के साथ जरूरी प्रमाणपत्र नहीं लगाए गए थे, उनको ई-मेल करके कमियां बता दी गई हैं। ऐसे भी आवेदन प्राप्त हुए जो वर्ष 2014 के पहले का प्रकरण है, एजेंसी वर्ष 2014 तक के काम को देख रही है। ऐसे में इन आवेदनों को परीक्षा नियंत्रक के पास भेज दिया गया।
ऑनलाइन हेल्प डेस्क के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान के लिए आवेदन करने वालों को शिकायत नंबर भी दिया गया। वह उस शिकायत नंबर के आधार पर अपने आवेदन के निस्तारण की स्थिति पता कर सकेंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन की योजना है कि आगरा के अलावा अन्य जिलों के छात्र-छात्राओं के अंकपत्र ठीक होने के बाद स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेज दिए जाएंगे।
हेल्प डेस्क पर पर पहुंचे 93 छात्र-छात्राएं
ऑनलाइन हेल्प डेस्क की व्यवस्था शुरू होने के बाद भी छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय समस्याओं का समाधान कराने पहुंचे। बुधवार को कुल 93 छात्र-छात्राओं ने प्रार्थनापत्र दिए। इसमें डिग्री, अंकपत्र, प्रमाण पत्रों के सत्यापन आदि से जुड़े मामले रहे। कुछ छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरने में परेशानी हो रही थी, उनकी समस्या का समाधान कराया गया।
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