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Police Investigation Slow In Eight Day No Name Of Accused Arun Death Case Crime News
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हिरासत में सफाई कर्मी की मौत: पुलिस जांच की धीमी रफ्तार, अब तक विवेचना में नहीं आए आरोपियों के नाम
अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: Abhishek Saxena
Updated Thu, 28 Oct 2021 08:25 AM IST
सार
अरुण नरवार की पुलिस हिरासत में मौत के बाद राजनीति गर्मा गई थी। पीड़ित परिवार के घर पर लोगों के साथ ही नेताओं का आना जारी है। इसको देखते हुए पीड़ित परिवार के घर के बाहर पुलिस तैनात की गई थी।
आगरा: अरुण की फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला
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आगरा पुलिस हिरासत में मौत के मामले की जांच धीमी गति से चल रही है। घटना को आठ दिन हो चुके हैं। हत्या का मुकदमा भी दर्ज हुआ। मगर, अब तक विवेचना में नाम तो दूर की बात है, किसी आरोपी पुलिसकर्मी को चिह्नित तक नहीं किया गया है। कासगंज पुलिस की टीम भी सिर्फ परिवार वालों से ही पूछताछ कर रही है। पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी
पुल छिंगामोदी निवासी अरुण नरवार की 20 अक्तूबर की तड़के पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। उसे मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी के मामले में हिरासत में लिया गया था। इस मामले में मृतक के परिवार की ओर से हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया। इसमें किसी पुलिसकर्मी का नाम नहीं था। सिर्फ अज्ञात आरोपी हैं। केस की विवेचना कासगंज पुलिस को दी गई। ढोलना थाना के प्रभारी निरीक्षक ओपी सिंह विवेचक हैं। उनके साथ एक दरोगा और तीन सिपाही भी विवेचक बनाए गए हैं।
सोमवार को वह अपनी टीम के साथ आए थे। विवेचना से संबंधित पत्रावलियां कब्जे में ली थीं। इसके बाद मृतक के परिजनों से मिले थे। उनसे पूछताछ की थी। बुधवार को भी टीम अरुण के घर पहुंची। परिवार के लोगों से घटना के संबंध में सवाल जवाब किए। परिजनों ने यही बताया कि रात दो बजे तक अरुण जिंदा था। इसके बाद क्या हुआ, उन्हें नहीं पता है। परिवार के लोग भी पूछताछ के लिए पकड़े गए थे। अरुण की मौत के बाद सभी को छोड़ दिया गया। उससे कहां से पुलिस ने रकम बरामदगी का दावा किया? यह किसी को भी पता नहीं है।
क्षेत्र में पुलिस कर्मियों की संख्या की गई कम
अरुण नरवार की पुलिस हिरासत में मौत के बाद राजनीति गर्मा गई थी। पीड़ित परिवार के घर पर लोगों के साथ ही नेताओं का आना जारी है। इसको देखते हुए पीड़ित परिवार के घर के बाहर पुलिस तैनात की गई थी। अब पुलिसकर्मियों की संख्या कम कर दी गई है। पत्रावलियों का कर रहे अवलोकन
विवेचक ओपी सिंह ने बताया कि केस से संबंधित सभी साक्ष्य जुटाए जाएंगे। केस की पत्रावलियों का अवलोकन किया जा रहा है। परिवार से बातचीत करने के साथ ही बयान भी दर्ज किए जाएंगे। पुलिस हिरासत में अरुण की मौत हुई थी। आखिरी बार वो किसकी हिरासत में था? यह देखा जाएगा। पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की जाएगी।
आगरा पुलिस हिरासत में मौत के मामले की जांच धीमी गति से चल रही है। घटना को आठ दिन हो चुके हैं। हत्या का मुकदमा भी दर्ज हुआ। मगर, अब तक विवेचना में नाम तो दूर की बात है, किसी आरोपी पुलिसकर्मी को चिह्नित तक नहीं किया गया है। कासगंज पुलिस की टीम भी सिर्फ परिवार वालों से ही पूछताछ कर रही है।
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पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी
पुल छिंगामोदी निवासी अरुण नरवार की 20 अक्तूबर की तड़के पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। उसे मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी के मामले में हिरासत में लिया गया था। इस मामले में मृतक के परिवार की ओर से हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया। इसमें किसी पुलिसकर्मी का नाम नहीं था। सिर्फ अज्ञात आरोपी हैं। केस की विवेचना कासगंज पुलिस को दी गई। ढोलना थाना के प्रभारी निरीक्षक ओपी सिंह विवेचक हैं। उनके साथ एक दरोगा और तीन सिपाही भी विवेचक बनाए गए हैं।
सोमवार को वह अपनी टीम के साथ आए थे। विवेचना से संबंधित पत्रावलियां कब्जे में ली थीं। इसके बाद मृतक के परिजनों से मिले थे। उनसे पूछताछ की थी। बुधवार को भी टीम अरुण के घर पहुंची। परिवार के लोगों से घटना के संबंध में सवाल जवाब किए। परिजनों ने यही बताया कि रात दो बजे तक अरुण जिंदा था। इसके बाद क्या हुआ, उन्हें नहीं पता है। परिवार के लोग भी पूछताछ के लिए पकड़े गए थे। अरुण की मौत के बाद सभी को छोड़ दिया गया। उससे कहां से पुलिस ने रकम बरामदगी का दावा किया? यह किसी को भी पता नहीं है।
दस्तावेजों का अवलोकन करती जांच टीम
- फोटो : अमर उजाला
क्षेत्र में पुलिस कर्मियों की संख्या की गई कम
अरुण नरवार की पुलिस हिरासत में मौत के बाद राजनीति गर्मा गई थी। पीड़ित परिवार के घर पर लोगों के साथ ही नेताओं का आना जारी है। इसको देखते हुए पीड़ित परिवार के घर के बाहर पुलिस तैनात की गई थी। अब पुलिसकर्मियों की संख्या कम कर दी गई है। पत्रावलियों का कर रहे अवलोकन
विवेचक ओपी सिंह ने बताया कि केस से संबंधित सभी साक्ष्य जुटाए जाएंगे। केस की पत्रावलियों का अवलोकन किया जा रहा है। परिवार से बातचीत करने के साथ ही बयान भी दर्ज किए जाएंगे। पुलिस हिरासत में अरुण की मौत हुई थी। आखिरी बार वो किसकी हिरासत में था? यह देखा जाएगा। पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की जाएगी।
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