सीबीआई ने पुलिस लाइन में आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप से भी पूछताछ की। दोनों के नाम सुसाइड नोट में हैं। सीबीआई ने पूछा कि उनकी महंत से क्या दुश्मनी थी। दोनों रोने लगे, बोले ‘हमारी बड़े महाराज से कोई दुश्मनी नहीं थी। वही हमारे अन्नदाता थे’। महंत ने सुसाइड नोट में उनके नाम क्यों और कैसे लिख दिए, वे नहीं जानते।
नैनी के रहने वाले आद्या तिवारी हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी थे। भगवान की आरती, प्रसाद और चढ़ावा की जिम्मेदारी उनकी ही थी। संदीप की बाहर फूल माला और प्रसाद की दुकान थी। जब नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के रिश्ते में बिगड़े तो संदीप खुलकर आनंद गिरि के साथ हो गया था। आनंद और संदीप की उम्र लगभग समान है। इसी कारण उनमें दोस्ती का रिश्ता हो गया था।
इसी के बाद नरेंद्र गिरि का संदीप और आद्या से रिश्तों में बिगाड़ होेने लगा था। महंत ने पहले संदीप को मंदिर के बाहर दुकान हटवा दी फिर आद्या से कहा कि वह अब बूढ़े हो गए हैं। उनसे आरती, चढ़ावा और प्रसाद की जिम्मेदारी छीन ली गई हालांकि मंदिर आने से आद्या को नहीं रोका गया था। आद्या और संदीप ने बताया कि उनकी महंत से कोई दुश्मनी नहीं है। वे आनंद गिरि से बात जरूर करते थे लेकिन उनकी दुश्मनी के बारे में उनसे कोई मतलब नहीं था।
सीबीआई ने पुलिस लाइन में आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप से भी पूछताछ की। दोनों के नाम सुसाइड नोट में हैं। सीबीआई ने पूछा कि उनकी महंत से क्या दुश्मनी थी। दोनों रोने लगे, बोले ‘हमारी बड़े महाराज से कोई दुश्मनी नहीं थी। वही हमारे अन्नदाता थे’। महंत ने सुसाइड नोट में उनके नाम क्यों और कैसे लिख दिए, वे नहीं जानते।
नैनी के रहने वाले आद्या तिवारी हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी थे। भगवान की आरती, प्रसाद और चढ़ावा की जिम्मेदारी उनकी ही थी। संदीप की बाहर फूल माला और प्रसाद की दुकान थी। जब नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के रिश्ते में बिगड़े तो संदीप खुलकर आनंद गिरि के साथ हो गया था। आनंद और संदीप की उम्र लगभग समान है। इसी कारण उनमें दोस्ती का रिश्ता हो गया था।
इसी के बाद नरेंद्र गिरि का संदीप और आद्या से रिश्तों में बिगाड़ होेने लगा था। महंत ने पहले संदीप को मंदिर के बाहर दुकान हटवा दी फिर आद्या से कहा कि वह अब बूढ़े हो गए हैं। उनसे आरती, चढ़ावा और प्रसाद की जिम्मेदारी छीन ली गई हालांकि मंदिर आने से आद्या को नहीं रोका गया था। आद्या और संदीप ने बताया कि उनकी महंत से कोई दुश्मनी नहीं है। वे आनंद गिरि से बात जरूर करते थे लेकिन उनकी दुश्मनी के बारे में उनसे कोई मतलब नहीं था।