न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Mon, 29 Apr 2019 10:59 PM IST
कांग्रेस महासचिव व पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी सोमवार की शाम अचानक बेटे रेहान के साथ स्वराज भवन पहुंचीं। इस दौरान वह बेटे रेहान के साथ थीं। उन्होंने आनंद भवन और स्वराज भवन में परिवार के इतिहास से बेटे को परिचित कराया। प्रियंका का काफिला ऐसे समय पहुंचा, जब साप्ताहिक अवकाश के चलते स्वराज भवन और आनंद भवन में छुट्टी थी। अधिकारी-कर्मचारी नदारद थे। इसकी एक ओर वजह थी कि उनके आने की जानकारी न तो वहां के प्रबंधन को दी गई थी ना ही कांग्रेस के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को। कहा जा रहा है कि स्वराज भवन उनको रात्रि प्रवास भी करना था, लेकिन करीब आधे घंटे तक ठहरने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गईं।
चित्रकूट के मानिकपुर में पार्टी प्रत्याशी बाल कुमार पटेल के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद प्रियंका बम्हरौली एयरपोर्ट पहुंचीं। कहा जा रहा है कि यहां से वह बिना बताए सड़क मार्ग से आनंद भवन के लिए निकल पड़ीं। शाम 4:40 बजे सात वाहनों के काफिले के साथ वह स्वराज भवन पहुंचीं। गार्ड शिवाकांत सिंह कार में प्रियंका को सवार देख भौचक रह गया। एसपीजी के जवानों के बताने पर उसने गेट खोला और वाहन भीतर दाखिल हो गए। भवन के इंचार्ज धर्मेंद्र तिवारी उस समय अपने आवास पर आराम फरमा थे। प्रियंका के आने की खबर मिलते ही परिसर में हड़कंप मच गया।
आनंद भवन व स्वराज भवन के अधिकारी भागते हुए पहुंचे। इस दौरान प्रियंका अपने बेटे रेहान को अपने परदादा पं जवाहर लाल नेहरू, दादी इंदिरा गांधी से जुड़ी पुरानी निशानियों के बारे में परिचित कराती रहीं। लाइब्रेरी के अलावा आनंद भवन परिसर में भी वह कुछ देर रुकी रहीं। शाम 5:08 बजे प्रियंका का काफिला स्वराज भवन से एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ।
कांग्रेस महासचिव व पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी सोमवार की शाम अचानक बेटे रेहान के साथ स्वराज भवन पहुंचीं। इस दौरान वह बेटे रेहान के साथ थीं। उन्होंने आनंद भवन और स्वराज भवन में परिवार के इतिहास से बेटे को परिचित कराया। प्रियंका का काफिला ऐसे समय पहुंचा, जब साप्ताहिक अवकाश के चलते स्वराज भवन और आनंद भवन में छुट्टी थी। अधिकारी-कर्मचारी नदारद थे। इसकी एक ओर वजह थी कि उनके आने की जानकारी न तो वहां के प्रबंधन को दी गई थी ना ही कांग्रेस के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को। कहा जा रहा है कि स्वराज भवन उनको रात्रि प्रवास भी करना था, लेकिन करीब आधे घंटे तक ठहरने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गईं।
चित्रकूट के मानिकपुर में पार्टी प्रत्याशी बाल कुमार पटेल के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद प्रियंका बम्हरौली एयरपोर्ट पहुंचीं। कहा जा रहा है कि यहां से वह बिना बताए सड़क मार्ग से आनंद भवन के लिए निकल पड़ीं। शाम 4:40 बजे सात वाहनों के काफिले के साथ वह स्वराज भवन पहुंचीं। गार्ड शिवाकांत सिंह कार में प्रियंका को सवार देख भौचक रह गया। एसपीजी के जवानों के बताने पर उसने गेट खोला और वाहन भीतर दाखिल हो गए। भवन के इंचार्ज धर्मेंद्र तिवारी उस समय अपने आवास पर आराम फरमा थे। प्रियंका के आने की खबर मिलते ही परिसर में हड़कंप मच गया।
आनंद भवन व स्वराज भवन के अधिकारी भागते हुए पहुंचे। इस दौरान प्रियंका अपने बेटे रेहान को अपने परदादा पं जवाहर लाल नेहरू, दादी इंदिरा गांधी से जुड़ी पुरानी निशानियों के बारे में परिचित कराती रहीं। लाइब्रेरी के अलावा आनंद भवन परिसर में भी वह कुछ देर रुकी रहीं। शाम 5:08 बजे प्रियंका का काफिला स्वराज भवन से एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ।