बदायूं। मध्यप्रदेश में पीएम आयुष्मान भारत योजना में हुए दो सौ करोड़ के घोटाले के तार बदायूं से भी जुड़ने की संभावना है। दरअसल, यह घोटाला मध्यप्रदेश के भोपाल और इंदौर में पकड़ा गया है। खास बात यह है कि बदायूं की आईडी से ही भोपाल में बड़ी संख्या में अपात्रों को आयुष्मान कार्ड जारी किए गए थे। अगस्त में यह मामला प्रकाश में आने के बाद बदायूं में संदिग्ध 28 आईडी को ब्लॉक किया गया था।
आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को एक साल में पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की व्यवस्था है। इसके लिए लाभार्थियों को आयुष्मान गोल्डन कार्ड जारी किया जाता है। 2020 तक बदायूं जिला महिला अस्पताल में एनएचएम के तहत तैनात रहे डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रमोद कुमार संत ने बड़ी संख्या में अपात्रों को आयुष्मान कार्ड जारी किए थे। भोपाल में आयुष्मान कार्डों में फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद पता लगा कि वहां प्रमोद कुमार संत की आईडी से बड़ी संख्या में आयुष्मान कार्ड जारी किए गए। प्रमोद ने 2020 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया था।
गौर करने की बात यह है कि इस्तीफे के बाद भी प्रमोद के नाम से दो आईडी चलती रहीं और वह कार्ड जारी करता रहा। प्रमोद कुमार संत की एक आईडी सूची में 18 वें स्थान पर 12405 और दूसरी 26 वें स्थान पर 19155 नंबर पर थी। फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद दोनों आईडी के साथ जिले में संदिग्ध 28 और आईडी भी ब्लॉक की गई थीं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के आदेश पर भोपाल में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मामले में जांच साइबर क्राइम सेल कर रही है। अब तक बदायूं में भी साइबर क्राइम सेल की टीम कई बार पूछताछ कर चुकी है। मध्यप्रदेश के भोपाल और इंदौर में दो सौ करोड़ का घोटाला सामने आने के बाद बदायूं भी सुर्खियों में है। घोटाला के तार बदायूं से भी जुड़ने की पूरी संभावना जताई जा रही है।
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मध्य प्रदेश में घोटाला पकड़ा गया है। पिछले महीनों बदायूं की आईडी से भोपाल में अपात्रों को आयुष्मान कार्ड जारी किए जाने का मामला सामने आया था। इस मामले में जांच चल रही है। ताजा मामले में अब तक बदायूं से जुड़ा कोई प्रकरण सामने नहीं आया है। जांच में सब साफ हो जाएगा।
- नितिन वर्मा, जिला समन्वयक आयुष्मान भारत