मेडिकल कॉलेज में भर्ती दुदही हादसे के शिकार बच्चों में दो पूरी तरह खतरे से बाहर हैं। इन्हें वेंटीलेटर से हटा दिया गया है। एक बच्चे की स्थिति जस की तस बनी हुई हैे। वह अभी वेंटीलेटर पर ही है। हालांकि अस्पताल सूत्रों के अनुसार वह भी खतरे से बाहर है। वहीं घायल वैन ड्राइवर की स्थिति बिगड़ती जा रही है।
स्थानीय लोग बृहस्पतिवार को कुशीनगर के दुदही इलाके में हुए हादसे का जिम्मेदार ड्राइवर को ही मान रहे हैं। उनका कहना है कि ईयरफोन लगाने की वजह से उसे ट्रेन की आवाज नहीं सुनाई दी और स्कूली वैन जा टकराई। मौके पर ही 13 बच्चों की मौत हो गई थी। ड्राइवर और चार बच्चों को गंभीर अवस्था में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। एक को हल्की चोटें आईं थी। लेकिन वह बेसुध हो गया था। अब वह परिवारवालों से कुछ बातें भी कर पा रहा है।
सीने में गंभीर चोट से सांस लेने में परेशानी
वैन के ड्राइवर शाहपुर खलवा पट्टी, कुशीनगर निवासी नियाजुद्दीन के सीने की हड्डी में गंभीर चोट है। शनिवार को भी उसका एक्स-रे कराया गया। सीने में चोट की वजह से उसे सांस लेने में दिक्कत है। उसके बिगड़ते स्वास्थ्य से अस्पताल प्रशासन भी चिंतित है।
एक परिजन को रहने की छूट
इसेफेलाइटिस वार्ड के 100 बेड वार्ड के 12 नंबर कमरे में हादसे में घायल बच्चों को रखा गया है। बच्चों के पास परिवार के एक सदस्य को रहने की अनुमति है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने परिचय पत्र जारी किया है।
सर्जरी विभाग के जिम्मे बच्चों का इलाज
मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के सीनियर डॉक्टरों की टीम बच्चों का इलाज कर रही है। बालरोग विभाग का स्टॉफ उन्हें मदद दे रहा है। वार्ड के अंदर डॉक्टरों के अलावा मरहम-पट्टी करने वाली नर्स को ही प्रवेश की अनुमति है।
सरदार मोटर्स पर लटकी तलवार
कुशीनगर में ट्रेन की चपेट में आने वाली स्कूल वैन गोरखपुर के नौसड़ स्थित सरदार मोटर्स ने चार साल पहले बेची थी। तब वैन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया था। यह खुलासा आरटीओ डीडी मिश्रा की जांच से हुआ है। अब सरदार मोटर्स पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। इसके द्वारा वाहन बिक्री पर रोक भी लगाई जा सकती है। फर्म को जवाब देने के लिए हफ्ते भर की मोहलत मिली है।
दुदही हादसे के बाद परिवहन विभाग को वैन के रजिस्ट्रेशन न होने की जानकारी मिली। गोरखपुर के आरटीओ ने वैन के चेसिस नंबर के आधार पर जांच की तो पता चला कि डिवाइन मिशन स्कूल, दुदही की तरफ से 2014 में महिंद्रा की मैक्सिमा वैन खरीदी गई थी लेकिन इसका रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया। इसके लिए सरदार मोटर्स के मालिक को दोषी माना गया है।
आरटीओ डीडी मिश्रा ने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन के वाहन बेचे ही नहीं जा सकते। यह अपराध है। सरदार मोटर्स के मालिक से जवाब मांगा गया है। जवाब मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। पहला विकल्प वाहनों की बिक्री पर रोक लगाना है।
संदीप को एआरटीओ कुशीनगर का कार्यभार
गोरखपुर के एआरटीओ प्रवर्तन संदीप जायसवाल पंकज को कुशीनगर का एआरटीओ प्रवर्तन का काम दिया गया है। कुशीनगर हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां के एआरटीओ को निलंबित कर दिया था। तब से पद खाली था। अब संदीप को कार्यभार मिला है।
मेडिकल कॉलेज में भर्ती दुदही हादसे के शिकार बच्चों में दो पूरी तरह खतरे से बाहर हैं। इन्हें वेंटीलेटर से हटा दिया गया है। एक बच्चे की स्थिति जस की तस बनी हुई हैे। वह अभी वेंटीलेटर पर ही है। हालांकि अस्पताल सूत्रों के अनुसार वह भी खतरे से बाहर है। वहीं घायल वैन ड्राइवर की स्थिति बिगड़ती जा रही है।
स्थानीय लोग बृहस्पतिवार को कुशीनगर के दुदही इलाके में हुए हादसे का जिम्मेदार ड्राइवर को ही मान रहे हैं। उनका कहना है कि ईयरफोन लगाने की वजह से उसे ट्रेन की आवाज नहीं सुनाई दी और स्कूली वैन जा टकराई। मौके पर ही 13 बच्चों की मौत हो गई थी। ड्राइवर और चार बच्चों को गंभीर अवस्था में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। एक को हल्की चोटें आईं थी। लेकिन वह बेसुध हो गया था। अब वह परिवारवालों से कुछ बातें भी कर पा रहा है।
सीने में गंभीर चोट से सांस लेने में परेशानी
वैन के ड्राइवर शाहपुर खलवा पट्टी, कुशीनगर निवासी नियाजुद्दीन के सीने की हड्डी में गंभीर चोट है। शनिवार को भी उसका एक्स-रे कराया गया। सीने में चोट की वजह से उसे सांस लेने में दिक्कत है। उसके बिगड़ते स्वास्थ्य से अस्पताल प्रशासन भी चिंतित है।
एक परिजन को रहने की छूट
इसेफेलाइटिस वार्ड के 100 बेड वार्ड के 12 नंबर कमरे में हादसे में घायल बच्चों को रखा गया है। बच्चों के पास परिवार के एक सदस्य को रहने की अनुमति है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने परिचय पत्र जारी किया है।
सर्जरी विभाग के जिम्मे बच्चों का इलाज
मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के सीनियर डॉक्टरों की टीम बच्चों का इलाज कर रही है। बालरोग विभाग का स्टॉफ उन्हें मदद दे रहा है। वार्ड के अंदर डॉक्टरों के अलावा मरहम-पट्टी करने वाली नर्स को ही प्रवेश की अनुमति है।
सरदार मोटर्स पर लटकी तलवार
कुशीनगर में ट्रेन की चपेट में आने वाली स्कूल वैन गोरखपुर के नौसड़ स्थित सरदार मोटर्स ने चार साल पहले बेची थी। तब वैन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया था। यह खुलासा आरटीओ डीडी मिश्रा की जांच से हुआ है। अब सरदार मोटर्स पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। इसके द्वारा वाहन बिक्री पर रोक भी लगाई जा सकती है। फर्म को जवाब देने के लिए हफ्ते भर की मोहलत मिली है।
दुदही हादसे के बाद परिवहन विभाग को वैन के रजिस्ट्रेशन न होने की जानकारी मिली। गोरखपुर के आरटीओ ने वैन के चेसिस नंबर के आधार पर जांच की तो पता चला कि डिवाइन मिशन स्कूल, दुदही की तरफ से 2014 में महिंद्रा की मैक्सिमा वैन खरीदी गई थी लेकिन इसका रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया। इसके लिए सरदार मोटर्स के मालिक को दोषी माना गया है।
आरटीओ डीडी मिश्रा ने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन के वाहन बेचे ही नहीं जा सकते। यह अपराध है। सरदार मोटर्स के मालिक से जवाब मांगा गया है। जवाब मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। पहला विकल्प वाहनों की बिक्री पर रोक लगाना है।
संदीप को एआरटीओ कुशीनगर का कार्यभार
गोरखपुर के एआरटीओ प्रवर्तन संदीप जायसवाल पंकज को कुशीनगर का एआरटीओ प्रवर्तन का काम दिया गया है। कुशीनगर हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां के एआरटीओ को निलंबित कर दिया था। तब से पद खाली था। अब संदीप को कार्यभार मिला है।