न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Sat, 03 Jul 2021 05:37 AM IST
धर्मांतरण कराने वाले मोहम्मद उमर गौतम और काजी जहांगीर ने सीएए-एनआरसी के विरोध के दौरान भी कई लोगों का धर्म परिवर्तन कराया था। इसका खुलासा एटीएस की जांच में हुआ है। एटीएस के मुताबिक पिछले साल 300 से ज्यादा लोगों ने इस्लाम कबूल किया था।
मामले की जांच कर रही एजेंसी को पूछताछ में पता चला कि पिछले साल सीएए व एनआरसी के विरोध करने वालों में बहुत सारे लोग दूसरे धर्म के भी शामिल थे। उन्हीं को उमर की संस्था आईडीसी (इस्लामिक दावा सेंटर) ने टारगेट किया।
उमर ने एक एक दिन में 10 से 12 सभाएं की। कहा गया कि अगर सीएए और एनआरसी को रोकना है तो इस्लाम को मजबूती देनी होगी। यह भी समझाया गया कि इस्लाम कबूल करने में आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूती मिलेगी। इससे प्रभावित होकर ही बीते साल इन लोगों ने इस्लाम कबूल किया।
धर्मांतरण कराने वाले मोहम्मद उमर गौतम और काजी जहांगीर ने सीएए-एनआरसी के विरोध के दौरान भी कई लोगों का धर्म परिवर्तन कराया था। इसका खुलासा एटीएस की जांच में हुआ है। एटीएस के मुताबिक पिछले साल 300 से ज्यादा लोगों ने इस्लाम कबूल किया था।
मामले की जांच कर रही एजेंसी को पूछताछ में पता चला कि पिछले साल सीएए व एनआरसी के विरोध करने वालों में बहुत सारे लोग दूसरे धर्म के भी शामिल थे। उन्हीं को उमर की संस्था आईडीसी (इस्लामिक दावा सेंटर) ने टारगेट किया।
उमर ने एक एक दिन में 10 से 12 सभाएं की। कहा गया कि अगर सीएए और एनआरसी को रोकना है तो इस्लाम को मजबूती देनी होगी। यह भी समझाया गया कि इस्लाम कबूल करने में आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूती मिलेगी। इससे प्रभावित होकर ही बीते साल इन लोगों ने इस्लाम कबूल किया।