कानपुर के संजीत यादव अपहरण और हत्याकांड में डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने प्रशासन से महिला समेत सात आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई के लिए संस्तुति की है। बर्रा थाना प्रभारी हरमीत सिंह ने बताया कि मामले में मास्टर माइंड रामजी शुक्ला, ईशू उर्फ ज्ञानेंद्र यादव, कुलदीप गोस्वामी, नीलू सिंह, प्रीति शर्मा, चीता और चुन्नी सिंह को जेल भेजा गया था। इनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है।
गैंगस्टर की कार्रवाई पर मुहर लगने के बाद आरोपियों पर कुर्की की भी कार्रवाई के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की जाएगी। सभी ने गिरोह बना कर पहले लैब टेकिभनशियन बर्रा पांच निवासी संजीत का अपहरण किया और फिर उसकी हत्या करने के बाद परिजनों से 30 लाख की फिरौती मांगी थी।
यह है मामला
लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का 22 जून को अपहरण हुआ था। 29 जून को उसके परिवारवालों के पास फिरौती के लिए फोन आया। 30 लाख रुपए फिरौती मांगी गई थी। परिवारवालों ने पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख की फिरौती दी थी। लेकिन न तो पुलिस अपहरणकर्ताओं को पकड़ पाई, न संजीत यादव को बरामद कर सकी। 21 जुलाई को जब पुलिस ने सर्विलांस की मदद से संजीत के दो दोस्तों को पकड़ा तो पता चला कि उन लोगों ने संजीत की 26 जून को हत्या कर दी। शव को पांडु नदी में फेंक दिया।
इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस मामले में एक आईपीएस समेत 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था। पुलिस ने पांडु नदी में कई बार लगातार स्च अभियान चलाया, लेकिन संजीत का शव नहीं मिला। बाद में सरकार ने इस मामले की जांच को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था लेकिन जांच अभी शुरू नहीं हो सकी है जिसको लेकर परिजनों में आक्रोश है।
कानपुर के संजीत यादव अपहरण और हत्याकांड में डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने प्रशासन से महिला समेत सात आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई के लिए संस्तुति की है। बर्रा थाना प्रभारी हरमीत सिंह ने बताया कि मामले में मास्टर माइंड रामजी शुक्ला, ईशू उर्फ ज्ञानेंद्र यादव, कुलदीप गोस्वामी, नीलू सिंह, प्रीति शर्मा, चीता और चुन्नी सिंह को जेल भेजा गया था। इनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है।
गैंगस्टर की कार्रवाई पर मुहर लगने के बाद आरोपियों पर कुर्की की भी कार्रवाई के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की जाएगी। सभी ने गिरोह बना कर पहले लैब टेकिभनशियन बर्रा पांच निवासी संजीत का अपहरण किया और फिर उसकी हत्या करने के बाद परिजनों से 30 लाख की फिरौती मांगी थी।
यह है मामला
लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का 22 जून को अपहरण हुआ था। 29 जून को उसके परिवारवालों के पास फिरौती के लिए फोन आया। 30 लाख रुपए फिरौती मांगी गई थी। परिवारवालों ने पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख की फिरौती दी थी। लेकिन न तो पुलिस अपहरणकर्ताओं को पकड़ पाई, न संजीत यादव को बरामद कर सकी। 21 जुलाई को जब पुलिस ने सर्विलांस की मदद से संजीत के दो दोस्तों को पकड़ा तो पता चला कि उन लोगों ने संजीत की 26 जून को हत्या कर दी। शव को पांडु नदी में फेंक दिया।
इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस मामले में एक आईपीएस समेत 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था। पुलिस ने पांडु नदी में कई बार लगातार स्च अभियान चलाया, लेकिन संजीत का शव नहीं मिला। बाद में सरकार ने इस मामले की जांच को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था लेकिन जांच अभी शुरू नहीं हो सकी है जिसको लेकर परिजनों में आक्रोश है।