न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Tue, 23 Nov 2021 11:15 AM IST
कानपुर की हवा में घुला जहर नजरों को कमजोर कर रहा है। इससे ड्राई आई के मरीजों की तकलीफ बढ़ गई है। कुछ मरीजों के ड्राई आई का ग्रेड बढ़ गया है। इससे कार्निया प्रभावित होने का खतरा है। डॉक्टरों का कहना है कि कि स्मॉग (धुंध) में धूल-धुआं के अलावा जहरीले तत्व रहते हैं।
हैलट और निजी नेत्ररोग विशेषज्ञों के यहां रोगियों की संख्या बढ़ गई है। ड्राई आई की तकलीफ लेकर आने वालों की संख्या दोगुना हो गई है। हैलट में आंख दिखाने के लिए आए चमनगंज के तसलीम अख्तर (35) ने बताया कि दो सप्ताह से आंखें लाल हो गई हैं।
बाहर निकलने पर बहुत आंसू आते हैं। लाली और जलन है। इसी तरह की दिक्कत हर्षनगर के रहने वाले अनिकेत गुप्ता (42) ने बताई। डॉक्टरों का कहना है कि इनके ड्राई आई (आंखों का पानी सूखने की समस्या) का ग्रेड बढ़ गया है। प्रदूषण के कारण ड्राई आई के मरीजों की संख्या दोगुना हो गई है।
कानपुर ऑफ्थेल्मिक सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरएन कुशवाहा ने बताया कि सीवियर ड्राई आई होने पर कार्निया खराब होने का खतरा रहता है। अस्पतालों की ओपीडी में आंख की अल्सर के रोगी भी आ रहे हैं। सीनियर आई सर्जन डॉ. अवध दुबे ने बताया कि स्मॉग अधिक खतरनाक होता है।
इसमें धूल-धुआं के कणों के अलावा और भी जहरीले तत्व होते हैं। उनके आंखों में जाने से नुकसान होता है। बारीक कण जब आंखों में जाते हैं तो उससे धुंधलापन लगने लगता है। साथ ही ड्राई आई की भी दिक्कत बढ़ जाती है। इसमें एहतियात की जरूरत होती है।
यह एहतियात बरतें
- गुनगुने पानी से रुई से आंखों को साफ करें।
- साफ पानी से आंखों को धोते रहें।
- बाहर प्रदूषित इलाके में निकलें तो चश्मा लगा लें।
- बाइक चलाएं तो हेलमेट के शीशे से चेहरा ढंके रहें।
- आंखों में जलन या किरकिराहट लगे तो दवा लें।
- ड्राई आई के रोगी डॉक्टर से संपर्क करें।
विस्तार
कानपुर की हवा में घुला जहर नजरों को कमजोर कर रहा है। इससे ड्राई आई के मरीजों की तकलीफ बढ़ गई है। कुछ मरीजों के ड्राई आई का ग्रेड बढ़ गया है। इससे कार्निया प्रभावित होने का खतरा है। डॉक्टरों का कहना है कि कि स्मॉग (धुंध) में धूल-धुआं के अलावा जहरीले तत्व रहते हैं।
हैलट और निजी नेत्ररोग विशेषज्ञों के यहां रोगियों की संख्या बढ़ गई है। ड्राई आई की तकलीफ लेकर आने वालों की संख्या दोगुना हो गई है। हैलट में आंख दिखाने के लिए आए चमनगंज के तसलीम अख्तर (35) ने बताया कि दो सप्ताह से आंखें लाल हो गई हैं।
बाहर निकलने पर बहुत आंसू आते हैं। लाली और जलन है। इसी तरह की दिक्कत हर्षनगर के रहने वाले अनिकेत गुप्ता (42) ने बताई। डॉक्टरों का कहना है कि इनके ड्राई आई (आंखों का पानी सूखने की समस्या) का ग्रेड बढ़ गया है। प्रदूषण के कारण ड्राई आई के मरीजों की संख्या दोगुना हो गई है।