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President Ramnath Kovind said that the new education policy will help the country to become a super power
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बोले: नई शिक्षा नीति से देश को सुपर पॉवर बनने में मिलेगी मदद
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Thu, 25 Nov 2021 11:19 PM IST
सार
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय परंपराओं से प्रेरित व दृष्टिकोण में आधुनिक और रोजगारपरक शिक्षा ही विकास का आधार है। इस नई शिक्षा पद्धति में त्रिभाषा सूत्र की संस्तुति की गई है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
- फोटो : amar ujala
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कानपुर के एचबीटीयू में आयोजित शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नई शिक्षा नीति-2020 के माध्यम से तकनीकी और दूसरे शिक्षा संस्थानों की तरफ से किए जा रहे कामों की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्थानों की तरफ से रोजगारपरक और सृजनात्मक शिक्षा देने का जो प्रयास हो रहा है, उससे भारत को सुपर पावर बनने में मदद मिलेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय परंपराओं से प्रेरित व दृष्टिकोण में आधुनिक और रोजगारपरक शिक्षा ही विकास का आधार है। इस नई शिक्षा पद्धति में त्रिभाषा सूत्र की संस्तुति की गई है, जिससे विद्यार्थियों में सृजनात्मक क्षमता विकसित होगी और भारतीय भाषाओं की ताकत बढे़गी। बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सोच को साकार करने के लिए नई शिक्षा नीति में वैज्ञानिक व तकनीकी शिक्षा व शोध को भारतीय भाषाओं में जोड़ने का प्रयास किया गया है।
उन्हें विश्वास है कि नई शिक्षा नीति के प्रमुख आयामों को जोड़कर एचबीटीयू इस क्षेत्र में काम करेगा, जो देश की प्रगति में सहायक होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व में विकसित देशों की श्रेणी में उन्हीं का नाम जुड़ा है, जिन्होंने खोजपरक व तकनीकी ज्ञान को प्राथमिकता दी है। भारत ने भी तकनीकी व शिक्षा के क्षेत्र में विश्व स्तर पर साख बनाई है, फिर भी इस क्षेत्र में हमारे देश को और काम करने की जरूरत है।
इस दिशा में एचबीटीयू जैसे संस्थानों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। कहा कि देश के तकनीकी संस्थानों को अपने छात्रों में नवोन्मेष, अन्वेषण व नवाचार, उद्यमिता की सोच विकसित करने का प्रयास करते रहना चाहिए। उन्हें शुरू से ही ऐसे वातावरण का निर्माण करना चाहिए, जिससे वे जॉब सीकर की जगह जॉब गिवर बनकर देश के विकास में योगदान दें सके।
इस दौरान उन्होंने 100 रुपये का स्मारक सिक्का और कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, प्राविधिक शिक्षा मंत्री जितिन प्रसाद, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, विवि के कुलपति शमशेर सिंह सहित शिक्षक और अतिथि मौजूद रहे।
विस्तार
कानपुर के एचबीटीयू में आयोजित शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नई शिक्षा नीति-2020 के माध्यम से तकनीकी और दूसरे शिक्षा संस्थानों की तरफ से किए जा रहे कामों की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्थानों की तरफ से रोजगारपरक और सृजनात्मक शिक्षा देने का जो प्रयास हो रहा है, उससे भारत को सुपर पावर बनने में मदद मिलेगी।
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राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय परंपराओं से प्रेरित व दृष्टिकोण में आधुनिक और रोजगारपरक शिक्षा ही विकास का आधार है। इस नई शिक्षा पद्धति में त्रिभाषा सूत्र की संस्तुति की गई है, जिससे विद्यार्थियों में सृजनात्मक क्षमता विकसित होगी और भारतीय भाषाओं की ताकत बढे़गी। बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सोच को साकार करने के लिए नई शिक्षा नीति में वैज्ञानिक व तकनीकी शिक्षा व शोध को भारतीय भाषाओं में जोड़ने का प्रयास किया गया है।
उन्हें विश्वास है कि नई शिक्षा नीति के प्रमुख आयामों को जोड़कर एचबीटीयू इस क्षेत्र में काम करेगा, जो देश की प्रगति में सहायक होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व में विकसित देशों की श्रेणी में उन्हीं का नाम जुड़ा है, जिन्होंने खोजपरक व तकनीकी ज्ञान को प्राथमिकता दी है। भारत ने भी तकनीकी व शिक्षा के क्षेत्र में विश्व स्तर पर साख बनाई है, फिर भी इस क्षेत्र में हमारे देश को और काम करने की जरूरत है।
इस दिशा में एचबीटीयू जैसे संस्थानों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। कहा कि देश के तकनीकी संस्थानों को अपने छात्रों में नवोन्मेष, अन्वेषण व नवाचार, उद्यमिता की सोच विकसित करने का प्रयास करते रहना चाहिए। उन्हें शुरू से ही ऐसे वातावरण का निर्माण करना चाहिए, जिससे वे जॉब सीकर की जगह जॉब गिवर बनकर देश के विकास में योगदान दें सके।
इस दौरान उन्होंने 100 रुपये का स्मारक सिक्का और कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, प्राविधिक शिक्षा मंत्री जितिन प्रसाद, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, विवि के कुलपति शमशेर सिंह सहित शिक्षक और अतिथि मौजूद रहे।
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