संजीत अपहरण हत्याकांड में आईपीएस अपर्णा गुप्ता के दोषी पाए जाने के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी, चौकी इंचार्ज समेत 8 पुलिसकर्मियों को लखनऊ के ज्वाइंट कमिश्नर नीलाब्जा चौधरी ने जांच में दोषी पाया है। उन्हें अपहरण के बाद चले ऑपरेशन के फेल होने का दोषी माना है।
जबकि फि रौती में दिए गए नोट गायब करने, सुनवाई न करने और कार्रवाई में देरी के आरोपों पर क्लीन चिट दे दी है। अब शासन की ओर से पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 22 जून 2020 को संजीत का अपहरण हुआ था।
24 जुलाई को पुलिस ने संजीत की हत्या की खबर देते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर खुलासा किया था। मामले में संजीत के परिजनों ने पूर्व एसपी साउथ अपर्णा और आठ पुलिस कर्मियों पर बेटे को खोजने में लापरवाही का आरोप लगाया था। शासन ने पुलिसकर्मियों की जांच नीलाब्जा चौधरी को सौंपी थी।
वहीं आईपीएस की जांच डीआईजी लखनऊ लक्ष्मी सिंह को सौंपी गई थी। हाल ही में उन पर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है। पूर्व में सभी पुलिसकर्मी निलंबित हो चुके हैं। बाद में उनको बहाल कर दिया गया था।
ये पुलिसकर्मी पाए गए दोषी
तत्कालीन सीओ गोविंद नगर मनोज गुप्ता, तत्कालीन बर्रा थाना प्रभारी रणजीत राय, तत्कालीन जनता नगर चौकी प्रभारी राजेश कुमार, एसआई योगेंद्र प्रताप, सिपाही विनोद कुमार, शिव प्रताप, दिशु भारतीय व सौरभ को जांच में दोषी पाया गया है।
संजीत अपहरण हत्याकांड में आईपीएस अपर्णा गुप्ता के दोषी पाए जाने के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी, चौकी इंचार्ज समेत 8 पुलिसकर्मियों को लखनऊ के ज्वाइंट कमिश्नर नीलाब्जा चौधरी ने जांच में दोषी पाया है। उन्हें अपहरण के बाद चले ऑपरेशन के फेल होने का दोषी माना है।
जबकि फि रौती में दिए गए नोट गायब करने, सुनवाई न करने और कार्रवाई में देरी के आरोपों पर क्लीन चिट दे दी है। अब शासन की ओर से पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 22 जून 2020 को संजीत का अपहरण हुआ था।
24 जुलाई को पुलिस ने संजीत की हत्या की खबर देते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर खुलासा किया था। मामले में संजीत के परिजनों ने पूर्व एसपी साउथ अपर्णा और आठ पुलिस कर्मियों पर बेटे को खोजने में लापरवाही का आरोप लगाया था। शासन ने पुलिसकर्मियों की जांच नीलाब्जा चौधरी को सौंपी थी।
वहीं आईपीएस की जांच डीआईजी लखनऊ लक्ष्मी सिंह को सौंपी गई थी। हाल ही में उन पर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है। पूर्व में सभी पुलिसकर्मी निलंबित हो चुके हैं। बाद में उनको बहाल कर दिया गया था।
ये पुलिसकर्मी पाए गए दोषी
तत्कालीन सीओ गोविंद नगर मनोज गुप्ता, तत्कालीन बर्रा थाना प्रभारी रणजीत राय, तत्कालीन जनता नगर चौकी प्रभारी राजेश कुमार, एसआई योगेंद्र प्रताप, सिपाही विनोद कुमार, शिव प्रताप, दिशु भारतीय व सौरभ को जांच में दोषी पाया गया है।