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यूपी: कानपुर में फिर प्रदूषण से दो और रोगियों का दम घुटा, सीओपीडी के थे मरीज, सांस लेने में थी दिक्कत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Sun, 28 Nov 2021 10:32 PM IST
सार
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. एसके कटियार ने बताया कि प्रदूषण से दिक्कत बढ़ी है। जो रोगी बॉर्डर लाइन पर रहे हैं, उन्हें आक्सीजन और वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही है।
कानपुर में प्रदूषण
- फोटो : amar ujala
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कानपुर के माहौल में प्रदूषण बढ़ने से लोगों को सांस की तकलीफ बढ़ती जा रही है। क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के दो रोगियों की रविवार को मौत हो गई। रोगियों का इलाज चेस्ट हॉस्पिटल की ओपीडी स्तर पर चल रहा था।
इसके साथ ही सांस की एलर्जी और गले के संक्रमण के रोगी बढ़ गए हैं। इमरजेंसी में भर्ती रोगियों ने खांसी के साथ खून आने के लक्षण बताए हैं। रविवार को हैलट और निजी अस्पतालों में सांस के रोगी गंभीर हालत में भर्ती किए गए। किदवईनगर के रहने वाले सीओपीडी रोगी विष्णु वर्मा (62) की मौत हो गई।
उनका इलाज ओपीडी स्तर पर डॉ. मुरारीलाल चेस्ट हॉस्पिटल में चल रहा था। उनके बेटे राजेंद्र ने बताया कि सुबह पांच बजे सांस में अचानक तकलीफ बढ़ी। उन्हें क्षेत्र के अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसी तरह कल्याणपुर के किशोर गुप्ता (52) की मौत हुई है।
वह सीओपीडी के रोगी रहे हैं। तीन दिन से उन्हें निमोनिया हो गया था। इसके अलावा वायरल संक्रमण के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अस्पतालों में रोगी गले में संक्रमण की शिकायत लेकर आ रहे हैं। कांशीराम अस्पताल के चेस्ट फिजीशियन डॉ. ओपी राय ने बताया कि प्रदूषण के कारण सांस की एलर्जी बढ़ जाती है। सीओपीडी और अस्थमा का अटैक होने लग रहा है। प्रदूषण फेफड़ों के अलावा शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है।
विस्तार
कानपुर के माहौल में प्रदूषण बढ़ने से लोगों को सांस की तकलीफ बढ़ती जा रही है। क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के दो रोगियों की रविवार को मौत हो गई। रोगियों का इलाज चेस्ट हॉस्पिटल की ओपीडी स्तर पर चल रहा था।
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इसके साथ ही सांस की एलर्जी और गले के संक्रमण के रोगी बढ़ गए हैं। इमरजेंसी में भर्ती रोगियों ने खांसी के साथ खून आने के लक्षण बताए हैं। रविवार को हैलट और निजी अस्पतालों में सांस के रोगी गंभीर हालत में भर्ती किए गए। किदवईनगर के रहने वाले सीओपीडी रोगी विष्णु वर्मा (62) की मौत हो गई।
उनका इलाज ओपीडी स्तर पर डॉ. मुरारीलाल चेस्ट हॉस्पिटल में चल रहा था। उनके बेटे राजेंद्र ने बताया कि सुबह पांच बजे सांस में अचानक तकलीफ बढ़ी। उन्हें क्षेत्र के अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसी तरह कल्याणपुर के किशोर गुप्ता (52) की मौत हुई है।
वह सीओपीडी के रोगी रहे हैं। तीन दिन से उन्हें निमोनिया हो गया था। इसके अलावा वायरल संक्रमण के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अस्पतालों में रोगी गले में संक्रमण की शिकायत लेकर आ रहे हैं। कांशीराम अस्पताल के चेस्ट फिजीशियन डॉ. ओपी राय ने बताया कि प्रदूषण के कारण सांस की एलर्जी बढ़ जाती है। सीओपीडी और अस्थमा का अटैक होने लग रहा है। प्रदूषण फेफड़ों के अलावा शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है।
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