न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कौशांबी
Published by: विनोद सिंह
Updated Tue, 07 May 2019 01:53 AM IST
कौशाम्बी संसदीय सीट का चुनाव कई मायनों में काफी अहम रहा। भाजपा, जनसत्ता और गठबंधन के सिम्बल में भले ही प्रत्याशी लड़ रहे थे, लेकिन उन्हें जिताने की कसौटी तमाम दिग्गजों पर थी। सोमवार को प्रत्याशियों की किस्मत के साथ ही दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी स्ट्रांगरू में कैद हुई है। आने वाले 23 मई को चुनाव परिणाम साबित करेगा कि आखिर किसका जादू चला।
भाजपा के लिए यह लोकसभा चुनाव कई मायनों में अहम है। पहला पार्टी ने यहां से सांसद रहे विनोद सोनकर पर दोबारा विश्वास जताया है। वहीं प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद का कौशाम्बी गृह जनपद है। विनोद के सर्मथन में केशव ने तीन जनसभाएं की थी। एक मई को भरवारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रैली की। रैली में केशव भी शामिल थे। इतना ही नहीं जिले की तीनों विधान सभा में भाजपा के ही विधायक है।
सपा-बसपा गठबंधन ने इंद्रजीत सरोज पर दांव लगाया। इंद्रजीत सरोज सदर विधानसभा से चार बार विधायक और दो मर्तबा कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इंद्रजीत के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 30 अप्रैल को कादीपुर में जनसभा किया था। पहली बार प्रदेश में नई पार्टी (जनसत्ता) बनाकर राजनीति में उतरे कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजाभैया ने यहां से पूर्व सांसद शैलेंद्र कुमार को मैदान में उतारा था।
शैलेंद्र कौशाम्बी से तीन बार सांसद और एक बार प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। शैलेंद्र को जिताने के लिए राजाभैया ने कौशाम्बी में पूरी ताकत लगा रखी थी। खासकर ठाकुर बिरादरी के वोट को अपने पाले में करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। तमाम दल छोड़कर लोग जनसत्ता के साथ जुड़े। सोमवार को मतदान समाप्त होने के बाद अब जीत हार का मंथन हो रहा है। कौशाम्बी संसदीय सीट से दल से ज्यादा दिग्गजों की प्रतिष्ठा जीतना अहम मुद्दा बना हुआ है।
कौशाम्बी संसदीय सीट का चुनाव कई मायनों में काफी अहम रहा। भाजपा, जनसत्ता और गठबंधन के सिम्बल में भले ही प्रत्याशी लड़ रहे थे, लेकिन उन्हें जिताने की कसौटी तमाम दिग्गजों पर थी। सोमवार को प्रत्याशियों की किस्मत के साथ ही दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी स्ट्रांगरू में कैद हुई है। आने वाले 23 मई को चुनाव परिणाम साबित करेगा कि आखिर किसका जादू चला।
भाजपा के लिए यह लोकसभा चुनाव कई मायनों में अहम है। पहला पार्टी ने यहां से सांसद रहे विनोद सोनकर पर दोबारा विश्वास जताया है। वहीं प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद का कौशाम्बी गृह जनपद है। विनोद के सर्मथन में केशव ने तीन जनसभाएं की थी। एक मई को भरवारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रैली की। रैली में केशव भी शामिल थे। इतना ही नहीं जिले की तीनों विधान सभा में भाजपा के ही विधायक है।
सपा-बसपा गठबंधन ने इंद्रजीत सरोज पर दांव लगाया। इंद्रजीत सरोज सदर विधानसभा से चार बार विधायक और दो मर्तबा कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इंद्रजीत के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 30 अप्रैल को कादीपुर में जनसभा किया था। पहली बार प्रदेश में नई पार्टी (जनसत्ता) बनाकर राजनीति में उतरे कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजाभैया ने यहां से पूर्व सांसद शैलेंद्र कुमार को मैदान में उतारा था।
शैलेंद्र कौशाम्बी से तीन बार सांसद और एक बार प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। शैलेंद्र को जिताने के लिए राजाभैया ने कौशाम्बी में पूरी ताकत लगा रखी थी। खासकर ठाकुर बिरादरी के वोट को अपने पाले में करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। तमाम दल छोड़कर लोग जनसत्ता के साथ जुड़े। सोमवार को मतदान समाप्त होने के बाद अब जीत हार का मंथन हो रहा है। कौशाम्बी संसदीय सीट से दल से ज्यादा दिग्गजों की प्रतिष्ठा जीतना अहम मुद्दा बना हुआ है।