तिकुनिया बवाल के बाद वहां की राजनीति का पारा हाई हो गया है। कांग्रेस, सपा, बसपा समेत अन्य दलों के नेता यहां आकर लगातार सहानुभूति जता रहे हैं। मगर मंगलवार को अंतिम अरदास कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी, सपा के पूर्व मंत्री बलवंत अहलूवालिया और किसान नेता योगेंद्र यादव समेत अन्य नेताओं को मंच पर जगह नहीं दी गई।
तीन अक्तूबर को तिकुनिया बवाल में किसानों की मौत के बाद से ही वहां की राजनीति का माहौल गरम हो गया है। कांग्रेस से प्रियंका गांधी, राहुल गांधी समेत कई नेता, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा के सतीश मिश्रा समेत कई नेता वहां जाकर पीड़ित परिवारों को सांत्वना दे चुके हैं। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू वहां अनशन पर भी बैठ चुके हैं। कहा जा रहा है कि राजनीतिक दल सहानुभूति के जरिये यहां लोगों में पैठ बनाने में लगे हैं। मगर मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों से दूरी बना ली। मंच से ही कहा गया कि राजनीतिक दल इस आंदोलन का लाभ उठाना चाहते हैं। यह कार्यक्रम किसानों को श्रद्धांजलि देने का है इसलिए राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोगों को मंच पर जगह नहीं दी जाएगी। महिलाओं को हाथ जोड़े, दरबार के सामने मत्था टेका
कार्यक्रम में पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और सांसद दीपेंद्र हुड्डा कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। मगर मंच का संचालन कर रहे डॉ. दर्शन पाल सिंह ने कह दिया कि उन लोगों का स्वागत है लेकिन राजनीतिक दलों को मंच पर जगह नहीं दी जा सकती। इस पर प्रियंका गांधी महिलाओं के हाथ जोड़ते हुए सामने जाकर बैठ गईं। करीब एक घंटा रुकने के बाद उन लोगों ने वहां सजे दरबार के सामने मत्था टेका और वापस चली गईं।
टिकैत के पास बैठे रहे जयंत
आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के पहुंचने पर भी उनका स्वागत किया गया। साथ ही राजनैतिक लोगों के साथ मंच साझा न करने की जानकारी दी गई। इसके बाद वह किसान नेता राकेश टिकैत के साथ बैठ गए और कार्यक्रम की समाप्ति तक मौजूद रहे। इसी तरह मंच संचालनकर्ता ने सपा के पूर्व मंत्री बलवंत अहलूवालिया और किसान नेता योगेंद्र यादव को भी मंच पर नहीं बुलाया। उनका स्वागत करने के साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय से अवगत करा दिया गया।
यह सोचा समझा हत्याकांड, बर्खास्त हों मंत्री : जयंत
लखीमपुर खीरी। अंतिम अरदास में शामिल होने पहुंचे राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को भी मंच पर जगह नहीं मिली। वह मंच के सामने राकेश टिकैत के साथ बैठे रहे। मीडिया से बातचीत में जयंत चौधरी ने कहा कि तिकुनिया कांड एक सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया हत्याकांड है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी इसके जिम्मेदार हैं और उन्हें बर्खास्त करके गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंत्री के पद पर रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की जा सकती। ब्यूरो
श्रद्धांजलि सभा में लोगों के बीच बैठीं प्रियंका गांधी।
तिकुनिया बवाल के बाद वहां की राजनीति का पारा हाई हो गया है। कांग्रेस, सपा, बसपा समेत अन्य दलों के नेता यहां आकर लगातार सहानुभूति जता रहे हैं। मगर मंगलवार को अंतिम अरदास कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी, सपा के पूर्व मंत्री बलवंत अहलूवालिया और किसान नेता योगेंद्र यादव समेत अन्य नेताओं को मंच पर जगह नहीं दी गई।
तीन अक्तूबर को तिकुनिया बवाल में किसानों की मौत के बाद से ही वहां की राजनीति का माहौल गरम हो गया है। कांग्रेस से प्रियंका गांधी, राहुल गांधी समेत कई नेता, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा के सतीश मिश्रा समेत कई नेता वहां जाकर पीड़ित परिवारों को सांत्वना दे चुके हैं। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू वहां अनशन पर भी बैठ चुके हैं। कहा जा रहा है कि राजनीतिक दल सहानुभूति के जरिये यहां लोगों में पैठ बनाने में लगे हैं। मगर मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों से दूरी बना ली। मंच से ही कहा गया कि राजनीतिक दल इस आंदोलन का लाभ उठाना चाहते हैं। यह कार्यक्रम किसानों को श्रद्धांजलि देने का है इसलिए राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोगों को मंच पर जगह नहीं दी जाएगी। महिलाओं को हाथ जोड़े, दरबार के सामने मत्था टेका
कार्यक्रम में पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और सांसद दीपेंद्र हुड्डा कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। मगर मंच का संचालन कर रहे डॉ. दर्शन पाल सिंह ने कह दिया कि उन लोगों का स्वागत है लेकिन राजनीतिक दलों को मंच पर जगह नहीं दी जा सकती। इस पर प्रियंका गांधी महिलाओं के हाथ जोड़ते हुए सामने जाकर बैठ गईं। करीब एक घंटा रुकने के बाद उन लोगों ने वहां सजे दरबार के सामने मत्था टेका और वापस चली गईं।
टिकैत के पास बैठे रहे जयंत
आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के पहुंचने पर भी उनका स्वागत किया गया। साथ ही राजनैतिक लोगों के साथ मंच साझा न करने की जानकारी दी गई। इसके बाद वह किसान नेता राकेश टिकैत के साथ बैठ गए और कार्यक्रम की समाप्ति तक मौजूद रहे। इसी तरह मंच संचालनकर्ता ने सपा के पूर्व मंत्री बलवंत अहलूवालिया और किसान नेता योगेंद्र यादव को भी मंच पर नहीं बुलाया। उनका स्वागत करने के साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय से अवगत करा दिया गया।
यह सोचा समझा हत्याकांड, बर्खास्त हों मंत्री : जयंत
लखीमपुर खीरी। अंतिम अरदास में शामिल होने पहुंचे राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को भी मंच पर जगह नहीं मिली। वह मंच के सामने राकेश टिकैत के साथ बैठे रहे। मीडिया से बातचीत में जयंत चौधरी ने कहा कि तिकुनिया कांड एक सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया हत्याकांड है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी इसके जिम्मेदार हैं और उन्हें बर्खास्त करके गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंत्री के पद पर रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की जा सकती। ब्यूरो

श्रद्धांजलि सभा में लोगों के बीच बैठीं प्रियंका गांधी।