दो मिलों के दो क्रय केंद्र हुए विभाजित, विलोपन एक भी नहीं
लखीमपुर खीरी। गन्ना पेराई सत्र 2022-23 शुरू होने के करीब दस दिन बाद गन्ना सुरक्षण आदेश जारी हुआ है। इसमें तीन चीनी मिलों के चार क्रय केंद्र काटे गए हैं। इससे गोला और खंभारखेड़ा क्षेत्र के किसानों को झटका लगा है। यहां से किसान नेताओं ने दो दर्जन से ज्यादा केंद्र काटे जाने की मांग उठाई थी।
चीनी मिलों में पेराई सत्र प्रारंभ होने से पहले चीनी मिलों के एरिया का निर्धारण गन्ना विभाग द्वारा किया जाता है, जिसमें प्रमुख रूप से क्रय केंद्रों का व्यवस्थापन किया जाता है। इसके अलावा किसानों की मांगों के अनुसार आवश्यक संशोधन करने का प्रावधान है। वहीं चीनी मिलों की ओर से भी और नए क्रय केंद्रों की मांग करते हुए प्रस्ताव भेजे जाते हैं। किस मिल को कौन से क्रय केंद्र मिलेंगे, किस मिल के क्रय केंद्र दूसरी मिलों से जुड़ेंगे? यह सब गन्ना सुरक्षण आदेश जारी होने पर साफ होता है, लेकिन बिना सुरक्षण आदेश जारी हुए ही चीनी मिलें चल गईं, जबकि नियम है कि चीनी मिल चलने के पहले सुरक्षण आदेश जारी होता है। इस आदेश में दो चीनी मिलों के दो क्रय केंद्रों को विभाजित किया गया है। कोई क्रय केंद्र विलोपित नहीं किया गया है। बिना सुरक्षण आदेश जारी ही चली गन्ना चीनी मिलों को लेकर 22 नवंबर को खबर प्रकाशित हुई थी, जिसके दो दिन बाद मामले में सुरक्षण आदेश जारी किया गया है।
जिला गन्ना अधिकारी वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि खंभारखेड़ा मिल के दो क्रय केंद्र अंबरसोत व बरौला काटकर क्रमश: दूसरी मिलों हरगांव (सीतापुर) एवं गुलरिया चीनी मिल से जोड़े गए हैं। बेलरायां मिल के क्रय केंद्र नरेंद्रनगर बेली को काटकर ऐरा मिल से जोड़ा गया है। ऐरा मिल के क्रय केंद्र नौनिहा द्वितीय को काटकर नानपारा मिल (बहराइच) से जोड़ा गया है। इसके अलावा कुंभी मिल के क्रय केंद्र नीमगांव प्रथम का विभाजन कर नया क्रय केंद्र तृतीय बनाया गया है, क्योंकि इस क्रय केंद्र पर किसानों की संख्या क्षमता से अधिक थी। इसी तरह संपूर्णानगर के क्रय केंद्र भैसोरी को भी विभाजित कर भैसोरी प्रथम व द्वितीय बनाया गया है, क्योंकि यहां भी किसानों की संख्या अधिक थी। इसलिए किसानों की सुविधा के लिए क्रय केंद्रों को विभाजित किया गया है।
जिला गन्ना अधिकारी वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि किसी क्रय केंद्र का विलोपन नहीं किया गया है। पड़ोसी जनपद हरदोई की चीनी मिल हरियावां के तीन क्रय केंद्रों को अजबापुर चीनी मिल से जोड़ा गया है।