भगवान श्रीकृष्ण ने अपने माता-पिता नंद बाबा और यशोदा मैया के लिए ब्रज मेें ही भारतवर्ष के अधिकांश तीर्थों की स्थापना की।
श्रीराधारानी ब्रजयात्रियों ने सोमवार को बद्रीनाथ प्रवास के बाद गांव पसोपे में पशुपतिनाथ के दर्शन किए। यहां ग्रामीणों ने यात्रियों का जोरदार स्वागत किया।
श्रीराधारानी ब्रजयात्रा के रूप में जैसे दीर्घकाल की प्रतीक्षा के पश्चात प्राप्ति का सुख यहां के ब्रजवासियों को मिल रहा हो। यहां घर-घर में स्वागत के विशेष प्रबंध किए हैं।
केदारधाम में पर्वत की ऊंची शिखर पर प्रकृति का अद्भुत नजारा है। एक विशाल प्रस्तर खंड के नीचे विराजमान भोले बाबा के दर्शन निराले हैं। सभी यात्रियों सहित यमुना मुक्तिकरण के पदाधिकारियों ने शंकरजी से यमुना की अविरलता और निर्मलता के लिए प्रार्थना की।
भागवताचार्य श्रीजी शर्मा ने सभी मार्ग स्थलों का माहात्म्य बताया। संध्या सत्संग में ब्रज के विरक्त संत रमेश बाबा ने कहा कि ब्रज के केदारनाथ बड़े चमत्कारी हैं। इनके दर्शन समस्त कामनाओं की पूर्ति सहित भगवदभक्ति की भी प्राप्ति कराते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण ने अपने माता-पिता नंद बाबा और यशोदा मैया के लिए ब्रज मेें ही भारतवर्ष के अधिकांश तीर्थों की स्थापना की।
श्रीराधारानी ब्रजयात्रियों ने सोमवार को बद्रीनाथ प्रवास के बाद गांव पसोपे में पशुपतिनाथ के दर्शन किए। यहां ग्रामीणों ने यात्रियों का जोरदार स्वागत किया।
श्रीराधारानी ब्रजयात्रा के रूप में जैसे दीर्घकाल की प्रतीक्षा के पश्चात प्राप्ति का सुख यहां के ब्रजवासियों को मिल रहा हो। यहां घर-घर में स्वागत के विशेष प्रबंध किए हैं।
केदारधाम में पर्वत की ऊंची शिखर पर प्रकृति का अद्भुत नजारा है। एक विशाल प्रस्तर खंड के नीचे विराजमान भोले बाबा के दर्शन निराले हैं। सभी यात्रियों सहित यमुना मुक्तिकरण के पदाधिकारियों ने शंकरजी से यमुना की अविरलता और निर्मलता के लिए प्रार्थना की।
भागवताचार्य श्रीजी शर्मा ने सभी मार्ग स्थलों का माहात्म्य बताया। संध्या सत्संग में ब्रज के विरक्त संत रमेश बाबा ने कहा कि ब्रज के केदारनाथ बड़े चमत्कारी हैं। इनके दर्शन समस्त कामनाओं की पूर्ति सहित भगवदभक्ति की भी प्राप्ति कराते हैं।