चालीस दिन बाद ब्रज के भ्रमण से लौटी राधारानी ब्रजयात्रा का गुरुवार को राधा की नगरी बरसाना में जोरदार स्वागत किया गया। जगह-जगह पुष्प बरसा की गई। यात्रा के दौरान ब्रजयात्री बड़ी मस्ती में गाते-नाचते चल रहे थे। इस दौरान राधा-कृष्ण के जयकारों से संपूर्ण बरसाना गुंजायमान हो रहा था।
ब्रज के विरक्त संत रमेश बाबा के सानिध्य में 25 अक्तूबर को गहवरवन से शुरू हुई राधारानी ब्रजयात्रा गुरुवार को संपूर्ण ब्रजमंडल का भ्रमण कर अपने निज धाम बरसाना पहुंची। ब्रजयात्री लाड़लीजी के निज धाम पहुंचकर खुश नजर आ रहे थे।
इस दौरान संत रमेश बाबा ने कहा कि 40 दिन से ठाकुर मानबिहारी बिना गहवरवन सूना था। ब्रज चौरासी कोस की यात्रा कर ब्रजयात्रियों को आनंद की अनुभूति हुई। जो मनुष्य चौरासी कोस की ब्रजयात्रा करता है उस पर कभी परम ब्रह्म की माया अपना प्रभाव नहीं डालती।
जीव को 24 घंटे में कुछ समय राधा नाम के लिए निकालना चाहिए। राधा नाम के जाप से संपूर्ण कष्ट दूर हो जाते हैं। राधा नाम जीव को ब्रह्म से जोड़ने वाली धारा है।
इस मौके पर मान मंदिर के अध्यक्ष रामजीलाल शास्त्री, कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री, सचिव सुनील सिंह, कथा वाचक मुरलिका शर्मा, संजय, ब्रजशरण बाबा आदि मौजूद रहे।
ब्रजयात्रा से लौटे ठाकुर मानबिहारी
40 दिन बाद ब्रजयात्रा कर अपने निज धाम लौटे ठाकुर मानबिहारी अपनी आराध्य शक्ति राधारानी के साथ मान मंदिर स्थित अपने सिंहासन पर विराजमान हुए। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ उनकी आरती की गई। मानबिहारी के ब्रजयात्रा पर जाने से उनका सिंहासन सूना था।
चालीस दिन बाद ब्रज के भ्रमण से लौटी राधारानी ब्रजयात्रा का गुरुवार को राधा की नगरी बरसाना में जोरदार स्वागत किया गया। जगह-जगह पुष्प बरसा की गई। यात्रा के दौरान ब्रजयात्री बड़ी मस्ती में गाते-नाचते चल रहे थे। इस दौरान राधा-कृष्ण के जयकारों से संपूर्ण बरसाना गुंजायमान हो रहा था।
ब्रज के विरक्त संत रमेश बाबा के सानिध्य में 25 अक्तूबर को गहवरवन से शुरू हुई राधारानी ब्रजयात्रा गुरुवार को संपूर्ण ब्रजमंडल का भ्रमण कर अपने निज धाम बरसाना पहुंची। ब्रजयात्री लाड़लीजी के निज धाम पहुंचकर खुश नजर आ रहे थे।
इस दौरान संत रमेश बाबा ने कहा कि 40 दिन से ठाकुर मानबिहारी बिना गहवरवन सूना था। ब्रज चौरासी कोस की यात्रा कर ब्रजयात्रियों को आनंद की अनुभूति हुई। जो मनुष्य चौरासी कोस की ब्रजयात्रा करता है उस पर कभी परम ब्रह्म की माया अपना प्रभाव नहीं डालती।
जीव को 24 घंटे में कुछ समय राधा नाम के लिए निकालना चाहिए। राधा नाम के जाप से संपूर्ण कष्ट दूर हो जाते हैं। राधा नाम जीव को ब्रह्म से जोड़ने वाली धारा है।
इस मौके पर मान मंदिर के अध्यक्ष रामजीलाल शास्त्री, कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री, सचिव सुनील सिंह, कथा वाचक मुरलिका शर्मा, संजय, ब्रजशरण बाबा आदि मौजूद रहे।
ब्रजयात्रा से लौटे ठाकुर मानबिहारी
40 दिन बाद ब्रजयात्रा कर अपने निज धाम लौटे ठाकुर मानबिहारी अपनी आराध्य शक्ति राधारानी के साथ मान मंदिर स्थित अपने सिंहासन पर विराजमान हुए। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ उनकी आरती की गई। मानबिहारी के ब्रजयात्रा पर जाने से उनका सिंहासन सूना था।