मेरठ में गढ़ रोड स्थित न्यूटिमा हॉस्पिटल में दो साल पहले शुरू हुई प्रेम कहानी में वरुण का कत्ल हो गया। करवाचौथ वाले दिन ही पत्नी के प्रेमी नागेंद्र ने वरुण को मौत के घाट उतार दिया। नागेंद्र ने हमदर्द बनकर वरुण का भरोसा जीता और फिर उसके घर आना-जाना शुरू कर दिया। नागेंद्र ने ही प्रेमिका के साथ मिलकर वरुण हत्याकांड को अंजाम दिया।
पुलिस के मुताबिक, वरुण की शादी 11 साल पहले अमिषा उर्फ मनी के साथ हुई थी। दोनों का नौ साल का बेटा है। दो साल पहले वरुण की मां बीमार हो गई, जिसका इलाज गढ़ रोड स्थित न्यूटिमा हॉस्पिटल में हुआ था। यहां सास की तीमारदारी के लिए अमिषा कई दिन रुकी। हॉस्पिटल में खड़खड़ी निवासी बाउंसर नागेंद्र गुर्जर से अमिषा की मुलाकात हो गई। सास की छुट्टी के बाद नागेंद्र ने अमिषा का मोबाइल नंबर ले लिया। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हो गई और यह दोस्ती प्यार में बदल गई। अमिषा से मिलने के लिये नागेंद्र ने उसके पति वरुण से करीबी बढ़ा ली और उनके घर पर आने लगा।
नागेंद्र और अमिषा की प्रेम कहानी के चर्चे आम हुए, तो वरुण को पता लग गया। दंपती के बीच तकरार रहने लगी। अब नागेंद्र ने वरुण को मारने की साजिश रच दी। करवाचौथ वाले दिन रविवार रात को नागेंद्र बिजरौल गांव में वरुण के घर पहुंच गया। नागेंद्र को लेकर दंपती के बीच पहले खूब विवाद हुआ। नागेंद्र ने अपने दोस्तों को बुलाया और वरुण को उठाकर ले गया। सुबह वरुण घर पर नहीं मिला तो परिजनों ने तलाश शुरू कर दी। अमिषा से पूछा गया, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया। भाई लापता हो गया है, इसकी जानकारी पर छोटा भाई अरुण गांव पहुंच गया।
रात तुम्हारे पास था, बताओ कहां है वरुण
अरुण रोहटा रोड पर परिवार के साथ रहता है, उसकी यहां पर परचून की दुकान है। अरुण ने अमिषा से पूछा कि रात में मेरा भाई तुम्हारे पास था, बताओ वह कहां है। अगर नहीं बताया तो पुलिस से शिकायत करेंगे। इसके बाद अमिषा ने नागेंद्र का नाम बता दिया। इसके बाद परिजनों ने नागेंद्र के खिलाफ अपहरण का मुकदमा बड़ौत थाने में दर्ज करा दिया।
यह भी पढ़ें: हस्तिनापुर: राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने बुलेट से किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा, नष्ट हुई फसल का दिलाएंगे मुआवजा
करवाचौथ मनाई और फिर अगवा हुआ वरुण
नागेंद्र ने एक सप्ताह पहले दोस्तों के साथ मिलकर हत्या की प्लानिंग की थी। पुलिस के मुताबिक, अमिषा ने पूछताछ में बताया कि हत्या की साजिश में वह शामिल नहीं थी। उसने तो वरुण की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ पर व्रत भी रखा था।
यह भी पढ़ें: कबाड़ियों पर शिकंजा: सोतीगंज में विरोध के बीच आदिल के घर कुर्की की कार्यवाही, भारी पुलिस बल रहा तैनात
वरुण की हत्या करके शव गेझा रोड, परतापुर में फेंका गया। हत्या कहां पर की गई है, इसका पता आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद होगा। बड़ौत थाने में दर्ज अपहरण के मुकदमे में हत्या की धारा बढ़ा दी है। वरुण के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। उनकी कनपटी पर एक गोली मारी गई। फोरेंसिक एक्सपर्ट ने भी मौके पर जाकर जांच की है।
- विवेक यादव, एएसपी ब्रह्मपुरी
वरुण की हत्या नागेंद्र ने की है। अमिषा से पूछताछ चल रही है। हत्या में अमिषा शामिल है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। फरार नागेंद्र और उसके साथियों की तलाश की जा रही है।
- आलोक सिंह, सीओ बड़ौत
विस्तार
मेरठ में गढ़ रोड स्थित न्यूटिमा हॉस्पिटल में दो साल पहले शुरू हुई प्रेम कहानी में वरुण का कत्ल हो गया। करवाचौथ वाले दिन ही पत्नी के प्रेमी नागेंद्र ने वरुण को मौत के घाट उतार दिया। नागेंद्र ने हमदर्द बनकर वरुण का भरोसा जीता और फिर उसके घर आना-जाना शुरू कर दिया। नागेंद्र ने ही प्रेमिका के साथ मिलकर वरुण हत्याकांड को अंजाम दिया।
पुलिस के मुताबिक, वरुण की शादी 11 साल पहले अमिषा उर्फ मनी के साथ हुई थी। दोनों का नौ साल का बेटा है। दो साल पहले वरुण की मां बीमार हो गई, जिसका इलाज गढ़ रोड स्थित न्यूटिमा हॉस्पिटल में हुआ था। यहां सास की तीमारदारी के लिए अमिषा कई दिन रुकी। हॉस्पिटल में खड़खड़ी निवासी बाउंसर नागेंद्र गुर्जर से अमिषा की मुलाकात हो गई। सास की छुट्टी के बाद नागेंद्र ने अमिषा का मोबाइल नंबर ले लिया। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हो गई और यह दोस्ती प्यार में बदल गई। अमिषा से मिलने के लिये नागेंद्र ने उसके पति वरुण से करीबी बढ़ा ली और उनके घर पर आने लगा।
नागेंद्र और अमिषा की प्रेम कहानी के चर्चे आम हुए, तो वरुण को पता लग गया। दंपती के बीच तकरार रहने लगी। अब नागेंद्र ने वरुण को मारने की साजिश रच दी। करवाचौथ वाले दिन रविवार रात को नागेंद्र बिजरौल गांव में वरुण के घर पहुंच गया। नागेंद्र को लेकर दंपती के बीच पहले खूब विवाद हुआ। नागेंद्र ने अपने दोस्तों को बुलाया और वरुण को उठाकर ले गया। सुबह वरुण घर पर नहीं मिला तो परिजनों ने तलाश शुरू कर दी। अमिषा से पूछा गया, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया। भाई लापता हो गया है, इसकी जानकारी पर छोटा भाई अरुण गांव पहुंच गया।
रात तुम्हारे पास था, बताओ कहां है वरुण
अरुण रोहटा रोड पर परिवार के साथ रहता है, उसकी यहां पर परचून की दुकान है। अरुण ने अमिषा से पूछा कि रात में मेरा भाई तुम्हारे पास था, बताओ वह कहां है। अगर नहीं बताया तो पुलिस से शिकायत करेंगे। इसके बाद अमिषा ने नागेंद्र का नाम बता दिया। इसके बाद परिजनों ने नागेंद्र के खिलाफ अपहरण का मुकदमा बड़ौत थाने में दर्ज करा दिया।
यह भी पढ़ें: हस्तिनापुर: राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने बुलेट से किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा, नष्ट हुई फसल का दिलाएंगे मुआवजा