चालान रसीद गुम होने या जुर्माना चुकाने में अब वाहन स्वामी बहाना नहीं बना सकेंगे। शासन ने ई-चालान व्यवस्था शुरू कर दी है। इसमें अधिकारी के चालान काटते ही वाहन स्वामी के मोबाइल नंबर पर मैसेज पहुंचेगा। साथ ही जनपद में कितने चालान और जुर्माना वसूला गया। इस पर शासन भी सीधे नजर रख सकेगा। ई-चालान के लिए लखनऊ में अधिकारियों को ट्रेनिंग देने के बाद टैबलेट और थर्मल प्रिंटर दिए गए हैं।
सूबे के करीब 27 जिलों में ट्रायल बेस पर ई-चालान योजना संचालित की गई। रिस्पोंस सही मिलने के बाद इसके प्रदेश भर में इसे लागू कर किया गया है। इसके लिए अधिकारियों को टैबलेट और प्रिंटर देकर ट्रेनिंग दी गई है। अब एआरटीओ प्रवर्तन चालान के स्थान पर ऑनलाइन चालान काटेंगे। जिस गाड़ी का चालान होगा। उसके ड्राइवर और गाड़ी की फोटो भी ली जाएगी। साथ ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर फीड करते ही उसकी तमाम जानकारी तत्काल उपलब्ध होगी।
खामी मिलने पर तुरंत अधिकारी ई-चालान बनाकर चालाक को देंगे। ई-चालान काटने का वाहन स्वामी के मोबाइल नंबर पर मैसेज जाएगा। मैसेज के माध्यम से ई-चालान का कोड मिलेगा, जिसके माध्यम से ही भुगतान करना पड़ेगा। एआटीओ सुभाष राजपूत ने बताया कि वाहन किसी भी राज्य या जिले का हो, उसका ई-चालान जिस जिले में कटेगा, उस वाहन स्वामी को वहीं चुकाना पड़ेगा। उसके बाद ही कोई कार्य उसका अपने जिले के आरटीओ में हो सकेगा। ई-चालान की तैयारी पूरी कर ली गई है।
एक माह में पेपर लेस होगी व्यवस्था
ई-चालान के साथ ही भुगतान जमा करने की व्यवस्था भी अब पेपर लेस होगी, क्योंकि अभी तक कैश जमा कराना होता है, आगे ऐसा नहीं रहेगा। अप्रैल के अंत तक वाहन स्वामी कहीं से भी अपना ई-चालान का भुगतान विभागीय खाते में जमा कर सकेंगे। इसके लिए पहल शुरू हो गई है।
एक क्लिक पर देख सकेंगे डिटेल
एक दिन में कितने चालान और किस कारण किए गए हैं। वसूली कितनी हुई है। साफ्टवेयर होने के कारण अधिकारी कोई भ्रष्टाचार नहीं कर सकेंगे, क्योंकि इसके लिए शासन अलग से एडमिन रखेगा। लखनऊ से अधिकारी एक क्लिक पर ही प्रत्येक जिले में हुए ई-चालान की जानकारी कर सकेंगे।
ऐसा रहेगा ई-चालान
एआरटीओ प्रवर्तन जिस वाहन को पकड़ेंगे, उसकी जानकारी साफ्टवेयर में फीड डिटेल से ली जाएगी। गाड़ी का फोटो, ड्राइवर का फोटो तुरंत अपलोड होगा। ई-चालान का चालक को पिंट दिया जाएगा। साथ ही चालक द्वारा दिए जाने वाले वाहन स्वामी के नंबर पर एसएमएस भेजा जाएगा। यही एसएमएस ई-चालान रहेगा।
चालान रसीद गुम होने या जुर्माना चुकाने में अब वाहन स्वामी बहाना नहीं बना सकेंगे। शासन ने ई-चालान व्यवस्था शुरू कर दी है। इसमें अधिकारी के चालान काटते ही वाहन स्वामी के मोबाइल नंबर पर मैसेज पहुंचेगा। साथ ही जनपद में कितने चालान और जुर्माना वसूला गया। इस पर शासन भी सीधे नजर रख सकेगा। ई-चालान के लिए लखनऊ में अधिकारियों को ट्रेनिंग देने के बाद टैबलेट और थर्मल प्रिंटर दिए गए हैं।
सूबे के करीब 27 जिलों में ट्रायल बेस पर ई-चालान योजना संचालित की गई। रिस्पोंस सही मिलने के बाद इसके प्रदेश भर में इसे लागू कर किया गया है। इसके लिए अधिकारियों को टैबलेट और प्रिंटर देकर ट्रेनिंग दी गई है। अब एआरटीओ प्रवर्तन चालान के स्थान पर ऑनलाइन चालान काटेंगे। जिस गाड़ी का चालान होगा। उसके ड्राइवर और गाड़ी की फोटो भी ली जाएगी। साथ ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर फीड करते ही उसकी तमाम जानकारी तत्काल उपलब्ध होगी।
खामी मिलने पर तुरंत अधिकारी ई-चालान बनाकर चालाक को देंगे। ई-चालान काटने का वाहन स्वामी के मोबाइल नंबर पर मैसेज जाएगा। मैसेज के माध्यम से ई-चालान का कोड मिलेगा, जिसके माध्यम से ही भुगतान करना पड़ेगा। एआटीओ सुभाष राजपूत ने बताया कि वाहन किसी भी राज्य या जिले का हो, उसका ई-चालान जिस जिले में कटेगा, उस वाहन स्वामी को वहीं चुकाना पड़ेगा। उसके बाद ही कोई कार्य उसका अपने जिले के आरटीओ में हो सकेगा। ई-चालान की तैयारी पूरी कर ली गई है।
एक माह में पेपर लेस होगी व्यवस्था
ई-चालान के साथ ही भुगतान जमा करने की व्यवस्था भी अब पेपर लेस होगी, क्योंकि अभी तक कैश जमा कराना होता है, आगे ऐसा नहीं रहेगा। अप्रैल के अंत तक वाहन स्वामी कहीं से भी अपना ई-चालान का भुगतान विभागीय खाते में जमा कर सकेंगे। इसके लिए पहल शुरू हो गई है।
एक क्लिक पर देख सकेंगे डिटेल
एक दिन में कितने चालान और किस कारण किए गए हैं। वसूली कितनी हुई है। साफ्टवेयर होने के कारण अधिकारी कोई भ्रष्टाचार नहीं कर सकेंगे, क्योंकि इसके लिए शासन अलग से एडमिन रखेगा। लखनऊ से अधिकारी एक क्लिक पर ही प्रत्येक जिले में हुए ई-चालान की जानकारी कर सकेंगे।
ऐसा रहेगा ई-चालान
एआरटीओ प्रवर्तन जिस वाहन को पकड़ेंगे, उसकी जानकारी साफ्टवेयर में फीड डिटेल से ली जाएगी। गाड़ी का फोटो, ड्राइवर का फोटो तुरंत अपलोड होगा। ई-चालान का चालक को पिंट दिया जाएगा। साथ ही चालक द्वारा दिए जाने वाले वाहन स्वामी के नंबर पर एसएमएस भेजा जाएगा। यही एसएमएस ई-चालान रहेगा।