झोपड़ी में लगी आग, मासूम की झुलस कर मौत
बस्ती के पिपरा गौतम गांव का रहने वाला मजदूर परिवार बगीचे की करता है रखवाली
संतकबीरनगर। कोतवाली क्षेत्र के तेनुआ माफी गांव के बगीचे में झोपड़ी में सोमवार देर शाम अलाव से लगी आग से मासूम की झुलस कर मौत हो गई। जब तक ग्रामीण और फायर बिग्रेड़ की गाड़ी पहुंची, तब तक झोपड़ी और उसमें रखा सामान जल गया।
मगहर पुलिस चौकी इंचार्ज विजय दूबे ने बताया कि बस्ती जिले के नगर थाना क्षेत्र के पिपरा गौतम गांव निवासी हरीश सोनकर की महुली क्षेत्र के हरिहरपुर में ससुराल है। हरीश को ससुराल में नेवासा मिला है। दो वर्षों से हरीश कोतवाली क्षेत्र के तेनुआ माफी गांव के डॉ. जयदेव ओझा के बगीचे की रखवाली करते हैं।
बगीचे में ही झोपड़ी डाल कर पत्नी और 10 वर्षीय बेटी अंशिका, आठ वर्षीय अमृता, पांच वर्षीय बेटा सर्वेश और दो वर्षीय प्रवेश के साथ रहते हैं। सोमवार देर शाम हरीश पत्नी के साथ गांव में आयोजित एक शादी समारोह में भोजन करने गए थे। जबकि झोपड़ी में पांच वर्षीय बेटा सोनकर सो रहा था।
झोपड़ी के बाहर बड़ी बेटी अंशिका, आठ वर्षीय बेटी अमृता और छोटा बेटा प्रवेश थे। झोपड़ी से सटे अलाव जल रहा था। अलाव से निकली चिंगारी से झोपड़ी में आग पकड़ लिया। बगीचे से करीब 150 मीटर दूरी पर गांव है। आग की लपटों को देख कर गांव के लोग जब तक पहुंचे, तब तक झोपड़ी में सो रहे मासूम सर्वेश की झुलसने से मौत हो गई।
सूचना पर मगहर चौकी इंचार्ज और फायर बिग्रेड़ की गाड़ी भी पहुंची, लेकिन तक तक झोपड़ी और उसमें रखा सामान जल चुका था। पुलिस ने मासूम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। इधर बेटे की मौत की मौत से हरीश सोनकर और उनकी पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल था। गांव के लोग यही कह रहे थे कि यदि बगीचे के आसपास मकान होता और लोगों को घटना की जानकारी समय से होती तो शायद सर्वेश की जान बचाई जा सकती थी।