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Siddharthnagar News: जन-जन तक पहुंचेगा अमरगढ़ का स्वर्णिम इतिहास, यहां है सेनानियों का विजय चिन्ह
संवाद न्यूज एजेंसी, सिद्धार्थनगर।
Published by: गोरखपुर ब्यूरो
Updated Fri, 25 Nov 2022 03:13 PM IST
सार
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गजेटियर से इस बलिदान का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। उस दौर में जिनके घर के लोग शहीद होते थे, उसके बारे में परिवार के लोग किसी अन्य को नहीं बताते थे ताकि उनकी ये बात अंग्रेजों तक न पहुंच जाए।
डुमरियागंज स्थित अमरगढ़ शहीद स्थल अंग्रेजों की कब्र पर अंग्रेजी में लिखा हुआ उनका नाम।
- फोटो : SIDDHARTHNAGAR
अब अमरगढ़ बलिदान के स्वर्णिम इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने की तैयारी पूरी हो गई है। इतिहासकारों के अनुसार अमरगढ़ में अंग्रेज अफसर की कब्र एक बड़ी घटना का प्रमाण है कि स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई अमरगढ़ में लड़ी गई है। इसे गजेटियर में लिपिबद्ध किया गया है, लेकिन जिस संग्राम में सैकड़ों लोगों ने बलिदान दिया, उस घटना को इतिहास के पन्नों में उचित स्थान नहीं मिल पाया है।
डुमरियागंज कस्बे के पास राप्ती नदी के किनारे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 26 नवंबर 1858 को अमरगढ़ में सेनानियों ने अंग्रेज अफसर को मौत के घाट उतार दिया था। कैलीफोर्निया के गजेटियर के प्रमाण के अनुसार 80 लोग अंग्रेजों की गोली शहीद हो गए। उसके बाद लोग नदी में कूद गए थे और नदी में जब तक सिर दिखे, तब तक गोली मारी गई।
गजेटियर से इस बलिदान का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। उस दौर में जिनके घर के लोग शहीद होते थे, उसके बारे में परिवार के लोग किसी अन्य को नहीं बताते थे ताकि उनकी ये बात अंग्रेजों तक न पहुंच जाए।
भारतीय इतिहास संकलन समिति, गोरक्ष प्रांत के संगठन मंत्री एवं सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद चौबे ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में अमरगढ़ का बलिदान बहुत महत्वपूर्ण है। उस दौर में अनेक घटनाओं को इतिहास के पन्नों में जगह नहीं मिली है या उचित स्थान नहीं मिला। उन्हीं घटनाओं में से एक हैं अमरगढ़ का बलिदान।
इतिहासकारों के दल ने अमरगढ़ का भ्रमण किया है। गजेटियर के साक्ष्य भी उपलब्ध हो गए हैं, इस घटना को इतिहास के पन्नों में स्थापित किया जाएगा। वहां बनी अंग्रेज अफसर की कब्र सेनानियों के विजय की प्रतीक है।
अमरगढ़ में मेला की तैयारी
अमरगढ़ शहीद स्थल पर 26 नवंबर से तीन दिवसीय मेला शुरू होगा। मेला में झूले लगाए जा रहे हैं, जबकि तीन दिन एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम होगा। अमरगढ़ महोत्सव समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जन सहयोग से महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। यह पूर्वांचल के लिए गौरव का विषय है। बहुत ऐसे लोग मेला में शामिल होंगे, जिनके पूर्वज वहां शहीद हुए। अमरगढ़ में शहीदों की स्मृति में भव्य स्मारक भी बनाया जाएगा।
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