न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: गीतार्जुन गौतम
Updated Sat, 28 Dec 2019 02:25 PM IST
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) और एनआरसी के विरोध में शिक्षको द्वारा चलाया गया हस्ताक्षर अभियान में चौंकाने वाली बात सामने आई है। नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर चला हस्ताक्षर अभियान झूठा बताया रहा है।
दरअसल, कुछ शिक्षकों द्वारा सीएएए के विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाकर सीएए का विरोध किया गया था जबकि उस समय जिन-जिन लोगों का नाम था, उनसे संपर्क किया गया तो पता चला कि उन्होंने सिग्नेचर ही नहीं किए हैं। या फिर उनको भ्रमित करके सिग्नेचर कराया गया है।
इस संदर्भ में समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष एक के पांडे ने भी अपनी सफाई दी है। मीडिया के माध्यम से और जारी किया गया वीडियो इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबंध ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज के समाजशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर विकास कुमार का है, जिन्होंने बताया कि उनका नाम गलत तरीके से लिस्ट में जोड़ा गया है जबकि उन्होंने तो सीएए का सपोर्ट किया है।
दरअसल, बुधवार को कई छात्रों के साथ बीएचयू के शिक्षकों ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया था। इस दौरान शिक्षकों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया था। उन्होंने कानून को आम लोगों की स्वतंत्रता के खिलाफ बताया था।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) और एनआरसी के विरोध में शिक्षको द्वारा चलाया गया हस्ताक्षर अभियान में चौंकाने वाली बात सामने आई है। नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर चला हस्ताक्षर अभियान झूठा बताया रहा है।
दरअसल, कुछ शिक्षकों द्वारा सीएएए के विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाकर सीएए का विरोध किया गया था जबकि उस समय जिन-जिन लोगों का नाम था, उनसे संपर्क किया गया तो पता चला कि उन्होंने सिग्नेचर ही नहीं किए हैं। या फिर उनको भ्रमित करके सिग्नेचर कराया गया है।
इस संदर्भ में समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष एक के पांडे ने भी अपनी सफाई दी है। मीडिया के माध्यम से और जारी किया गया वीडियो इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबंध ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज के समाजशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर विकास कुमार का है, जिन्होंने बताया कि उनका नाम गलत तरीके से लिस्ट में जोड़ा गया है जबकि उन्होंने तो सीएए का सपोर्ट किया है।