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BHU doctors Study Coronavirus less impact on people who have been vaccinated and also risk reduced
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बीएचयू में चिकित्सकों का अध्ययन: टीका लगवा चुके लोगों पर कोरोना का वायरस बेदम, खतरा हुआ कम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: उत्पल कांत
Updated Sun, 23 Jan 2022 07:12 PM IST
सार
कोरोना टीका लगवा चुके कुछ लोगों में संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। बीएचयू में चिकित्सकों ने कोरोना संक्रमितों के सीटी स्कैन रिपोर्ट पर अध्ययन किया। इसमें यह परिणाम आया कि कोरोना टीका की दोनों डोज लगवाने वालों पर कोरोना वायरस का असर कम है।
प्रो.आशीष वर्मा और डॉक्टर ईशान कुमार
- फोटो : अमर उजाला
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कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने के बाद भी अगर आप कोविड पॉजिटिव हो गए हैं तो घबराने की बात नहीं है। संक्रमित होने के बाद भी आप पूरी तरह से सुरक्षित हैं और संक्रमण का अधिक असर नहीं है। बीएचयू में चिकित्सकों ने कोरोना संक्रमित मरीजों के सीटी स्कैन रिपोर्ट पर अध्ययन किया।
इसमें यह परिणाम आया है कि पूर्ण रूप से कोरोना टीकाकरण कराने वाले अगर संक्रमित होते हैं तो ज्यादा परेशानी नहीं होगी। आईएमएस बीएचयू के रेडियो डायग्नोसिस विभाग के प्रो.आशीष वर्मा और डॉ. ईशान कुमार के नेतृत्व में अध्ययन हुआ। इसमें प्रो. रामचंद्र शुक्ला, डॉ. प्रमोद कुमार सिंह और डॉ. रितु ओझा भी शामिल रहीं।
संक्रमण का दुष्प्रभाव काफी कम
प्रो. आशीष वर्मा ने बताया कि ऐसे लोग जिनमें कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है उनका टीकाकरण कर महामारी से बचाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी है। अध्ययन में पता चला कि टीकाकरण से लोगों में गंभीर और जटिल बीमारी के लिए एक सामान्य प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न होगी और अगर किसी को कोरोना संक्रमण होता भी है, तो संक्रमित व्यक्ति को दुष्प्रभाव कम होंगे।
इस अध्ययन का प्रकाशन यूरोपीय रेडियोलॉजी नामक पत्रिका में हुआ है। बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज के उच्च रिजाल्यूशन कंम्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन का विश्लेषण किया और लक्षण दिखाते हुए उन्हें तीन समूहों में विभाजित किया गया।
इसमें पहला ऐसे लोग जिनका टीकाकरण नहीं हुआ, दूसरा जिन्होंने पहली डोज लगवाई यानि आंशिक टीकाकरण किया गया। इसके अलावा तीसरा समूह ऐसा जिसमें दोनों डोज लगवाने वालों को शामिल किया गया। इस दौरान अस्थायी सीटी गंभीरता स्कोर का विश्लेषण किया गया। इसमें किसी का कोई रक्त का नमूना नहीं लिया गया।
जिन लोगों को टीकाकरण की दोनों खुराकें मिली, उनमें आंशिक रूप से टीका लगाए गए रोगियों और गैर-टीकाकरण वाले रोगियों की तुलना में औसत सीटी स्कैन स्कोर काफी कम था। यानि जिन व्यक्तियों का सम्पूर्ण टीकाकरण हुआ उनके फेफड़ों में रोग का लक्षण न के बराबर दिखाई दिया।
60 वर्ष से कम उम्र वाले दोनों टीका लगवाने वाले मरीजों में औसत सीटी स्कोर काफी कम था, जबकि 60 वर्ष से अधिक के रोगियों ने टीकाकरण और गैर-टीकाकरण समूहों के बीच महत्वपूर्ण रूप से भिन्न सीटी स्कोर नहीं दिखाया।
विस्तार
कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने के बाद भी अगर आप कोविड पॉजिटिव हो गए हैं तो घबराने की बात नहीं है। संक्रमित होने के बाद भी आप पूरी तरह से सुरक्षित हैं और संक्रमण का अधिक असर नहीं है। बीएचयू में चिकित्सकों ने कोरोना संक्रमित मरीजों के सीटी स्कैन रिपोर्ट पर अध्ययन किया।
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इसमें यह परिणाम आया है कि पूर्ण रूप से कोरोना टीकाकरण कराने वाले अगर संक्रमित होते हैं तो ज्यादा परेशानी नहीं होगी। आईएमएस बीएचयू के रेडियो डायग्नोसिस विभाग के प्रो.आशीष वर्मा और डॉ. ईशान कुमार के नेतृत्व में अध्ययन हुआ। इसमें प्रो. रामचंद्र शुक्ला, डॉ. प्रमोद कुमार सिंह और डॉ. रितु ओझा भी शामिल रहीं।
संक्रमण का दुष्प्रभाव काफी कम
प्रो. आशीष वर्मा ने बताया कि ऐसे लोग जिनमें कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है उनका टीकाकरण कर महामारी से बचाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी है। अध्ययन में पता चला कि टीकाकरण से लोगों में गंभीर और जटिल बीमारी के लिए एक सामान्य प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न होगी और अगर किसी को कोरोना संक्रमण होता भी है, तो संक्रमित व्यक्ति को दुष्प्रभाव कम होंगे।
इस अध्ययन का प्रकाशन यूरोपीय रेडियोलॉजी नामक पत्रिका में हुआ है। बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज के उच्च रिजाल्यूशन कंम्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन का विश्लेषण किया और लक्षण दिखाते हुए उन्हें तीन समूहों में विभाजित किया गया।
इसमें पहला ऐसे लोग जिनका टीकाकरण नहीं हुआ, दूसरा जिन्होंने पहली डोज लगवाई यानि आंशिक टीकाकरण किया गया। इसके अलावा तीसरा समूह ऐसा जिसमें दोनों डोज लगवाने वालों को शामिल किया गया। इस दौरान अस्थायी सीटी गंभीरता स्कोर का विश्लेषण किया गया। इसमें किसी का कोई रक्त का नमूना नहीं लिया गया।
अध्ययन की खास बातें
कोरोना
- फोटो : self
जिन लोगों को टीकाकरण की दोनों खुराकें मिली, उनमें आंशिक रूप से टीका लगाए गए रोगियों और गैर-टीकाकरण वाले रोगियों की तुलना में औसत सीटी स्कैन स्कोर काफी कम था। यानि जिन व्यक्तियों का सम्पूर्ण टीकाकरण हुआ उनके फेफड़ों में रोग का लक्षण न के बराबर दिखाई दिया।
60 वर्ष से कम उम्र वाले दोनों टीका लगवाने वाले मरीजों में औसत सीटी स्कोर काफी कम था, जबकि 60 वर्ष से अधिक के रोगियों ने टीकाकरण और गैर-टीकाकरण समूहों के बीच महत्वपूर्ण रूप से भिन्न सीटी स्कोर नहीं दिखाया।
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