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Maa Annapurna Varanasi: Maa Annapurna's court decorated with 40 quintals of paddya seventeen-day Mahavrat
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Maa Annapurna: 40 कुंतल धान की बालियों से सजा मां अन्नपूर्णा का दरबार, सत्रह दिवसीय महाव्रत का हुआ समापन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: किरन रौतेला
Updated Wed, 30 Nov 2022 08:46 AM IST
सार
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मां अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए सुबह से मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। महंत शंकरपुरी ने बताया कि माता अन्नपूर्णा अन्न की देवी हैं। पूर्वांचल के किसान पहली फसल मां को अर्पित करते हैं। इन्हीं बालियों से माता का शृंगार किया गया।
धान की बालियों से सज गया माता दरबार
- फोटो : अमर उजाला
40 कुंतल धान की बालियों से मंगलवार को अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा का दरबार सजाया गया। इसके साथ ही माता के सत्रह दिन के व्रत का समापन भी हुआ। पूर्वांचल के किसानों ने मां अन्नपूर्णा को धान की पहली फसल अर्पित की। अन्न की देवी भगवती अन्नपूर्णा का मंगलवार को मध्याह्न भोग आरती के बाद गर्भगृह में शृंगार हुआ। एक दिन पहले ही पूरे मंदिर परिसर को सजाया गया।
13 नवंबर से शुरू महाव्रत का समापन मंगलवार को हुआ। उद्यापन के लिए भक्तों का ताता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने 21, 51, 101 और 501 परिक्रमा कर हाजिरी लगाई।
मां अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए सुबह से मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। महंत शंकरपुरी ने बताया कि माता अन्नपूर्णा अन्न की देवी हैं। पूर्वांचल के किसान पहली फसल मां को अर्पित करते हैं। इन्हीं बालियों से माता का शृंगार किया गया। मान्यता है कि माता को पहली फसल अर्पित करने से धन्य धान्य की कमी नहीं होती। शृंगार में लगे इन धान की बालियों को प्रसाद स्वरूप भक्तों को दिया जाता है। मान्यता है कि धान के इन बालियों को घर के अन्न भंडार में रखने से कभी अन्न की कमी नहीं होती है। बाबा विश्वनाथ ने भी मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। माता का ही आशीर्वाद है कि काशी में कभी भी कोई भूखा नहीं सोता है।
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