बलिया। सड़क परिवहन निगम के निर्देशों का पालन बलिया डिपो के अधिकारी नहीं कर पा रहे हैं। डिपो परिसर में बने टिकट काउंटर पर अधिकांश समय ताला लगा रहता है। इससे साधारण रोडवेज बसों में ऑनलाइन और ऑफलाइन आरक्षण सेवा का लाभ यात्रियों को नहीं मिल पा रहा है।
बलिया डिपो परिसर में बना टिकट काउंटर समयानुसार नहीं खुलता है। काउंटर के अंदर कंप्यूटर समेत अन्य सामान मौजूद है। टिकट काउंटर बंद रहने से यात्रियों को पहले से टिकट लेने में परेशानी तो होती ही है। साथ ही रोडवेज बसों के आने-जाने का समय भी पता नहीं चल रहा है। यह भी जानकारी नहीं हो पा रही कि किस रूट की बस किस समय बलिया डिपो पर आएगी और कितने देर रुकने के बाद गंतव्य को रवाना होगी। इस ओर डिपो के जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। काउंटर पर पहले केंद्र प्रभारी समेत अधिकारियों के मोबाइल नंबर पूछताछ के लिए एक बोर्ड पर लिखे गए थे, जो अब हटा दिए गए हैं। इधर, पिछले कई दिनों से टिकट काउंटर नहीं खुल रहा है।
हालांकि जब जिले में परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह अथवा किसी आला अधिकारी के आने की भनक लगती है तो व्यवस्था चाक-चौबंद की जाती है। उसके बाद फिर वहीं पुराने रवैये पर काम शुरू हो जाता है।
रिजर्वेशन पर मिलती हैं यह सुविधाएं
आरक्षण टिकट पर बस नंबर के साथ ही सीट नंबर, बस के रवाना होने और गंतव्य पर पहुंचने का समय अंकित होता है। बस के चालक और परिचालक को लेट होने पर यात्रियों को वजह बतानी होती है। आरक्षण के लिए मूल किराये के अतिरिक्त 20 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क और 18 फीसदी जीएसटी का भुगतान कराना होता है। यदि कोई ऑनलाइन किराये का भुगतान करेगा तो आठ रुपये गेट वे चार्ज पड़ता है। टिकट निरस्त कराने पर सिर्फ मूल किराया ही जीएसटी और आठ रुपये गेट-वे चार्ज की कटौती करके वापस की जाती है। दो घंटे पहले आरक्षण निरस्त कराने पर मूल किराए से 10 प्रतिशत राशि कटती है।
टिकट काउंटर अपने समयानुसार खुलता है। ऑनलाइन सुविधा चालू है। आरक्षण की सुविधा 10 बसों में है। लोगों को जानकारी कम होने की वजह से आरक्षण कम हो रहा है। - उमाकांत मिश्रा, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक