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Researchers discovered the first genes of Cyanobacteria from Jammu and Kashmir know why it is importance
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BHU Research: शोधकर्ताओं ने जम्मू कश्मीर से खोजा नील हरित शैवाल का पहला जीन्स, जानिए क्यों है महत्वपूर्ण ?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: किरन रौतेला
Updated Wed, 30 Nov 2022 03:59 PM IST
सार
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सायनोबैक्टीरिया (नील हरित शैवाल) उन प्राचीन, ऑक्सीजनिक, फोटोऑटोट्रॉफ़िक, नाइट्रोजन फिक्सिंग और प्रोकैरियोटिक सूक्ष्म जीवों में से एक हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल के ऑक्सीकरण के लिए जिम्मेदार हैं।
आचार्य डॉ. प्रशांत सिंह तथा उनके मार्गदर्शन में शोध कार्य कर रहे नरेश कुमार
- फोटो : अमर उजाला
बीएचयू के शोधकर्ताओं ने जम्मू कश्मीर से सायनो बैक्टीरिया का पहला जीन्स खोजा है। भारत-अमेरिका सहयोग की दिशा में फुलब्राइट कार्यक्रम के तहत यह शोध कार्य हुआ है। सायनोबैक्टीरिया (नील हरित शैवाल) उन प्राचीन, ऑक्सीजनिक, फोटोऑटोट्रॉफ़िक, नाइट्रोजन फिक्सिंग और प्रोकैरियोटिक सूक्ष्म जीवों में से एक हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल के ऑक्सीकरण के लिए जिम्मेदार हैं। प्राचीन होने के बावजूद, ये शैवाल अक्सर उपेक्षित रहे हैं, जिससे विविधता के बारे में अपेक्षाकृत कम जानकारी उपलब्ध है।
BHU admission
- फोटो : Social Media
दुनिया भर के कई वैज्ञानिक, विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों से जुड़े इन शैवालों के विभिन्न स्वरूपों और अनुकूलन रणनीतियों (तौर तरीकों) का अध्ययन करने में रुचि रखते हैं,जिससे कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन के युग में शैवालों की जैव विविधता के संरक्षण के लिए अनवरत प्रयास चलते रहें।
बीएचयू वनस्पति विज्ञान विभाग में सहायक आचार्य डॉ. प्रशांत सिंह तथा उनके मार्गदर्शन में शोध कार्य कर रहे नरेश कुमार ने यह महत्वपूर्ण खोज की है। नरेश कुमार ने केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से इस सायनोबैक्टीरिया के नमूने लिये और इसे नए जीनस के रूप में स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। यह खोज इसलिए भी उल्लेखनीय है कि पोलीफेसिक अप्रोच का उपयोग करके जम्मू और कश्मीर क्षेत्र से पहली बार सायनोबैक्टीरिया के नए जीन्स की खोज की गई है।
अमेरिका के विश्वविद्यालय के लैब में भी हुआ काम
डॉ प्रशांत सिंह द्वारा इस शोधकार्य का एक अहम भाग जॉन कैरोल विश्वविद्यालय, क्लीवलैंड, अमेरिका, में प्रोफेसर जेफरी आर जोहानसन के साथ उनकी प्रयोगशाला में किया गया है। डॉ. सिंह को शैक्षणिक तथा पेशेवर उत्कृष्टता के लिए वर्ष 2020-21 में फुलब्राइट नेहरू फेलोशिप के लिए चयनित किया गया था।
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