कलियर में भिक्षावृत्ति करने वाले मेडिकल नशा ज्यादा कर रहे हैं। आए दिन नशीली दवाएं पकड़े जाना इसकी तस्दीक कर रहा है। पुलिस लगातार मेडिकल नशे के जाल को तोड़ने के लिए कार्रवाई कर रही है लेकिन लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।
पिरान कलियर में एक बड़ी आबादी झुग्गी झोपड़ियों में रहती है। यहां रहने वाले अधिकतर लोग अलग-अलग प्रदेशों के हैं जो कि कलियर में रहकर कूड़ा बीनने के साथ ही भिक्षा मांगने का काम करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कलियर में भिक्षावृत्ति करने वाले अधिकतर लोग मेडिकल नशा करते हैं। ये लोग नशीले इंजेक्शन और दवाइयों का प्रयोग करते हैं। मेडिकल नशे के जाल में 80 प्रतिशत भिक्षावृत्ति वाले लोग हैं, जबकि बीस प्रतिशत युवा नशा कर रहे हैं। जिसके चलते कई मेडिकल संचालक मेडिकल की आड़ में नशे की दवाइयों की बिक्री करते हैं। पुलिस लगातार इन पर कार्रवाई करती है, लेकिन यह मोटे मुनाफे के लालच में काम करना बंद नहीं करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि मेडिकल संचालकों के तार पंजाब और यूपी से जुड़े हैं। ये लोग सप्लायरों के जरिए यहां से नशे का सामान मंगवाते हैं। इसलिए जल्दी से पकड़ में नहीं आ पाते हैं। वहीं, नाम न छापने की शर्त पर एक मेडिकल संचालक ने बताया कि कलियर में कुछ मेडिकल संचालक 40 रुपये के नशे के इंजेक्शन को दो सौ और दस रुपये की गोली को बीस से तीस रुपये में बेचते हैं।
एसपी देहात एसके सिंह ने बताया कि नशे के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। नशे के सौदागरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। कलियर में लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।