दुर्गम सड़क पर कार चलाना सीख रहे युवक और उसके चार दोस्तों की जान चीड़ के पेड़ों ने बचा ली। स्टेयरिंग गलत दिशा में घूमने से खाई में लुढ़क गई। नीचे लुढ़कती कार पेड़ों पर जाकर अटक गई। पांचों युवा एक घंटे तक कार में जिंदगी और मौत के बीच झूलते रहे। प्रशासन की टीम ने उन्हें खाई से निकाला और अस्पताल में भर्ती कराया। हादसे में दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
तडांग गांव निवासी मनजीत सिंह (23) ने कुछ दिन पहले ही कार खरीदी थी। वह अपने चार दोस्तों के साथ कार चलाना सीखा रहा था। बुधवार दोपहर वह चार दोस्तों के साथ रुद्रप्रयाग पहुंचा। वापसी में करीब 12:30 बजे थलासू के समीप कार अनियंत्रित होकर खाई में लुढ़क गई और चीड़ के दो पेड़ों पर अटक गई। गनीमत रही कि कार सीधे नीचे गहरी खाई में नहीं गिरी जिससे बड़ा हादसा टल गया। कार उसका दोस्त अमन नेगी (20) चला रहा था। बताया जा रहा है कि उसने एक मोड़ पर स्टेयरिंग गलत दिशा में घुमा दी।
हादसे की सूचना मिलते ही जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार डीडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों के साथ मौके पर पहुंचे। टीम ने सबसे पहले पेड़ों पर अटकी कार को रस्सों के सहारे सुरक्षित किया। इसके बाद कार में सवार अरविंद नेगी (35), पंकज नेगी (22), अमन, मनजीत और राहुल नेगी (25) को बाहर निकालकर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया।
प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनोज बडोनी ने बताया कि सिर पर गहरी चोट के चलते अरविंद नेगी व हाथ पर फ्रैक्चर को लेकर मनजीत को बेस अस्पताल श्रीनगर रेफर किया गया है। बाकी सभी को प्राथमिक उपचार के बार छुट्टी दे दी गई।
क्रश बैरियर न होने से हुआ हादसा
डीडीएमओ एनएस रजवार ने बताया कि वाहन दुर्घटना का प्रमुख कारण सड़क किनारे क्रश बैरियर नहीं होना है। यह पूरा क्षेत्र चीड़ के जंगल के साथ गहरी खाई वाला है लेकिन कार्यदायी संस्था ने सड़क पर सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए हैं। उन्होंने बताया कि यदि वाहन चीड़ के पेड़ पर नहीं फंसता तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
खतरनाक है चोपता-तड़ाग मोटर मार्ग
तड़ाग गांव को जोड़ने वाला चोपता-उर्खोली-तड़ाग मोटर मार्ग बहुत खतरनाक है। संकरा होने के साथ ही मार्ग पर कई तीखे मोड़ हैं। वर्ष 2017 में मार्ग पर बरात का वाहन भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद दो अन्य हादसों में तीन लोगों की जान जा चुकी है।