ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे सिरोहबगड़ में ऊबड़-खाबड़ बना है। धूल से निजात पाने के लिए कार्यदायी संस्था की ओर से किए गए पानी के छिड़काव से सड़क पर तालाब बन रहे हैं साथ ही कीचड़ हो रहा है इससे दुपहिया वाहन चालक व राहगिरी फिसलकर चोटिल हो रहे हैं।
ऑलवेदर रोड परियोजना में बीते चार वर्ष से ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग का चौड़ीकरण किया जा रहा है। साथ ही भूस्खलन जोन सिरोहबगड़ से निजात पाने के लिए पपडासू-नौगांव बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। लगभग साढ़े तीन किमी लंबे बाईपास को हाईवे से जोड़ने के लिए अलकनंदा पर दो और चित्रमति नदी पर एक पुल बनाया जा रहा है। पुलों का कार्य धीमी गति से हो रहा है। वहीं निर्माण कार्य के चलते बदरीनाथ हाईवे सिरोहबगड़ और नौगांव में लगभग सात सौ मीटर हिस्सा बदहाल है।
इन दिनों यहां धूल का गुबार उड़ रहा है जिससे निजात पाने के लिए कार्यदायी संस्था की ओर से पानी का छिड़काव किया जा रहा है लेकिन इससे यहां उबड़-खाबड़ क्षेत्र में पानी के तालाब बन रहे हैं। यही स्थिति नौगांव व नरकोटा में भी है। क्षेत्र के नरेंद्र ममगाईं, बीबी ममगाईं, प्रदीप मलासी, कुलदीप जोशी, संदीप भट्टकोशी, चंद्रमोहन, कैलाश आदि का कहना है कि एनएच और कार्यदायी संस्था की लापरवाही आम लोगों पर भारी पड़ रही है।
पुलों के निर्माण के कारण बदरीनाथ हाईवे सिरोहबगड़, नौगांव और नरकोटा में खराब हो रखा है। सड़क पर सरल व सुलभ यातायात के लिए कार्यदायी संस्था को निर्देश दिए गए हैं।
- निर्भय सिंह, अधिशासी अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड लोनिवि, रुद्रप्रयाग