नुसरत फतेह अली खान...सूफी संगीत का एक निराला अंदाज़,...दुनिया भर में जो लोग पंजाबी-उर्दू और क़व्वाली नहीं भी समझ पाते हैं, वो भी उनकी आवाज़ और अंदाज़ में मदहोश हो जाते हैं। नुसरत ने संगीत की सभी शैलियों को आजमाते हुए भी सूफियाना अंदाज़ नहीं छोड़ा और न ही कभी खुद से कोई छेड़छाड़ की। दुनिया यूं ही उनकी दीवानी नहीं है। क़व्वाली के वो बेताज बादशाह थे।