मुंबई में एक आदमी रहता है, वो कभी भी, किसी के भी घर चला जाता है, घरवालों से पूछता है, नल सही है? पहले लोग चौंकते हैं फिर बात आगे बढ़ती है, वो शख्स घर के चूते हुए नलों को ठीक करके एक प्यारी मुस्कान के साथ लौट जाता है। इस आदमी की एक और पहचान है, ये वहीं शख्स है जिसने 1980 के दशक में हिन्दी किताबों का शौक रखनेवालों को किताब पीछे की ओर से पढ़ने की लत लगा दी थी। मिलवाते हैं आपको उस बेहतरीन कॉमिकबाज से जिसका नाम है, आबिद सुरती।