एक बेहद अहम फैसले के तौर पर सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार, यानी राइट टू प्राइवेसी को मौलिक अधिकारों, यानी फन्डामेंटल राइट्स का हिस्सा करार दिया है। चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने ये फैसला सुनाया है। लेकिन क्या आप उनके बारे में जानते हैं, जिनकी वजह से ये अहम मुद्दा उठाया गया। तो देखिए इस रिपोर्ट में।