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बस्तर के नेतनार गांव में 12 साल बाद जब बाजार सजा, तो वहां के लोग खुशी के मारे झूम उठे। उनके लिए बाजार का सजना किसी त्योहार से कम नहीं था। इसे देखने आसपास के गांव से भी लोग आए और उन्होंने इसे गुंडाधूर मेले का नाम दिया। आखिरी बार इस गांव में बाजार साल 2004 में लगा था। नक्सली इलाका होने की वजह से यहां हर वक्त दहशत का माहौल बना रहता है। इसी वजह से इतने सालों से यहां बाजार नहीं लगा था।