विधानसभा चुनाव से पहले केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत सवर्णों के आरक्षण पर अलग राय रखते थे लेकिन आज उनकी राय बदल गई है। तीन राज्यों में सत्ता जाने के बाद शायद बीजेपी सवर्णों की और नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती थी।
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