कर्नाटक की सांस्कृतिक राजधानी मैसूरू में भी पारंपरिक तौर-तरीकों के साथ दशहरा पूजा की गई। राजा यदुवीर राज कृष्णदत्ता चमराजा वाडियार ने 500 साल पुरानी परंपराओं के साथ दशहरा पूजा की। शाही दशहरा देखने के लिए हर साल देश-विदेश से हजारों लोग मैसूरू पहुंचते हैं। खास बात ये है कि मैसूरू के दशहरा में राम-रावण युद्ध नहीं होता बल्कि राक्षस महिषासुर का वध करने पर देवी चामुंडा की पूजा की जाती है।