दिल्ली के शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल ने पांच दिन पहले जिस बच्चे को जिंदा रहते ही मृत बता दिया था उस मासूम ने आखिरकार दम तोड़ ही दिया, इस मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को जो रिपोर्ट सौंपी गई है उसमें अस्पताल को दोषी पाया गया है। दिल्ली सरकार ने इस मामले में तीन सदस्यीय समिति बनाई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल ने बच्चे की ईसीजी नहीं की थी जिससे पता चलता कि बच्चे की मौत नहीं हुई थी। मैक्स अस्पताल की लापरवाही के बाद परिवार बच्चे को लेकर पीतमपुरा के अग्रवाल अस्पताल में गया था जहां उसे बचाया नहीं जा सका।