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प्रदेश भर में बूचड़खानो के बंद होने की खबर से कानपुर के बूचड़खाने चलाने वाले मालिकों में भी हड़कंप मच गया है। बूचड़खाना मालिक अब सरकार से बूचड़काने बंद होने के बाद रोजी रोटी का विकल्प मांगने लगे हैं। कानपुर से करीब हर साल 12 अरब डॉलर का चमड़े का सामान विदेशों में निर्यात किया जाता है। अकेले कानपुर से हर रोज करीब 50 करोड़ के गोश्त का व्यापार भी होता है।