कन्वर्जेंस डेस्क, अमर उजाला Updated Thu, 17 May 2018 04:49 PM IST
हम आपको 'राइट टू प्राइवेसी' के उस कानून के बारे में बता रहे हैं, जिसके तहत यह सभी चीजें अपराध की श्रेणी में आती हैं। सुप्रीम कोर्ट फैसला दे चुका है कि प्राइवेसी (निजता) मौलिक अधिकार का हिस्सा है।