Bhuntar Airport पर Chinook Helicopter का वाटर कैनन से स्वागत किया गया। गुरुवार को Shinku La Tunnel के हवाई सर्वे के लिए ट्रायल किया गया। zojila के बाद अब देश में दूसरी बार किसी टनल निर्माण के सर्वे में denmark की Airborne Electro Magnetic Technology का इस्तेमाल होगा। Shinku La Tunnel के हवाई सर्वे के लिए इस 500 किलो वजनी एंटीना को बांधकर 16 से 17 हजार फीट की ऊंचाई पर Chinook Helicopter Zanskar Range में शुक्रवार से उड़ान भरेगा। गुरुवार को वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने स्तींगरी हेलीपैड से शिंकुला की तरफ उड़ान भरकर इलाके का जायजा लिया। स्तींगरी हेलीपैड में एंटीना बांधकर चिनूक ने हवाई सर्वे का ट्रायल किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत माला परियोजना की कड़ी में शिंकुला टनल मील का पत्थर साबित होगी। जोजिला सुरंग के बाद देश में दूसरी बार जियो फिजिकल सर्वे के लिए एयरबोर्न इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। इस तकनीक में करीब 500 किलो वजन के एंटीना को बांधकर चिनूक हेलीकॉप्टर शिंकुला दर्रा के साथ जांस्कर रेंज में उड़ान भरेगा। एंटीना जमीन से करीब 60 मीटर दूर रहकर पहाड़ के भूगर्भ में 700 मीटर तक स्कैन करेगा। इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तरंगों के जरिये एंटीना भूगर्भ के स्ट्राटा की हर तस्वीर मानीटर को प्रेषित करेगी। एंटीना के भेजे इनपुट के आधार पर टनल निर्माण की रूपरेखा तैयार होगी। डेनमार्क की इस तकनीक का इस्तेमाल 17 किलोमीटर लंबी जोजिला सुरंग के बाद अब 13.5 किलोमीटर लंबी शिंकुला सुरंग में हो रही है।