अमर उजाला ने साहित्यकारों के उच्च स्तरीय संवाद के सम्मान में `अमर उजाला बैठक` का आयोजन किया। संवाद के तीसरे भाग में साहित्यकार चित्रा मुद्गल ने अपना एक अनुभव शेयर किया और कहा कि मैंने अपने पति से कहा था कि अगर तुमने मेरी इज्जत करना बंद किया तो मैं अगर पिता का घर छोड़ सकती हूं तो मैं तुम्हें भी छोड़ सकती हूं।