अमर उजाला ब्यूरो, श्रावस्ती Updated Thu, 25 Oct 2018 06:45 AM IST
श्रावस्ती। छह बहनों और एक भाई वाले परिवार में बड़ी हुई साधना का बाल विवाह होना तो करीब करीब तय ही था। “हमारी जाति में तो बाल विवाह एकदम आम बात है। फिर भी मैं जिद पर अड़ी और आज बी.ए.-बीबीए करने के बाद एक बड़े एनजीओ में गांव के बच्चों के लिए काम कर रही हूं।”